गोस्वामी गार्डन तवा कॉलोनी में भागवतकथा द्वितीय दिवस
इटारसी। संसार सागर में आये हुए जनमानस का जीवन तभी सफल होता है जब वह परमात्मा के द्वारा स्थापित धर्म एवं कर्म के पथ पर साथ-साथ चलता हैै। उक्त उदगार संस्कारधानी जबलपुर के आचार्य पं. रमेश दुबे ने तवा कॉलोनी पुरानी इटारसी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस में व्यक्त करते हुए कहा कि सामथ्र्यपूर्ण भक्ति से ही परमात्मा की प्राप्ति संभव है। भागवत सत्संगी रहे स्व. श्रीमती शारदाबाई मुंशीला गोस्वामी की स्मृति में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा समारोह के द्वितीय दिवस में उपस्थित श्रोताओं के समक्ष आचार्य श्री दुबे ने नवदा भक्ति का वर्णन करते हुए कहा कि नि:स्वार्थ भाव से की गई भक्ति ही नवदा भक्ति होती है जिसके 9 अलग-अलग रूप होते हैं लेकिन उद्देश्य एक ही होता है। परमात्मा की भक्ति कैसी हो इसकी प्रेरणा हमें भक्त प्रहलाद श्री धु्रव जी महाराज, संत नामदेव, मीरा बाई आदि के महान जीवन चरित्र से प्राप्त होती है। इन सभी भक्तों ने अलग-अलग प्रकार से नि:स्वार्थ और सामर्थपूर्ण भाव से भक्ति कर परमात्मा की प्राप्ति की है।
भागवत रूपी इस भक्ति सत्संग में आचार्य श्री दुबे एवं उनकी संगीत समिति ने संगीतमय भजनों की भी भावपूर्ण प्रस्तुति प्रदान की। गोस्वामी गार्डन में आयोजित कथा के प्रारंभ में कार्यक्रम संयोजक रेंजर सुरेश गोस्वामी, यजवान भगवतपुरी गोस्वामी, दिनेश गोस्वामी के साथ ही आयोजन समिति प्रमुख नरेष चैहान, साहब सिंह चैहान, आलोक शुक्ला, हेमन्त गोस्वामी, सारंगधर गोस्वामी आदि ने प्रवचनकर्ता आचार्य रमेश दुबे का स्वागत किया।








