– नर्मदा, तवा के संगम बांद्राभान में सारिका ने किया बालविज्ञानियों का संगम
इटारसी। नर्मदापुरम (Narmadapuram) में नर्मदा (Narmada) और तवा (Tawa) का संगम आज बाल विज्ञानियों का संगम बन गया था। नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (National Award winning science broadcaster Sarika Gharu) के मार्गदर्शन में नर्मदापुरम के 75 बच्चे नर्मदा परिक्रमा पथ (Narmada Parikrama Path) पर पृथ्वी की परिक्रमा करने पहुंचे थे। खगोल विज्ञान (Astronomy) जागरूकता के इस प्रयोग में बच्चों ने बिना चले ही पृथ्वी (Earth) की परिधि का मापन 40,400 किमी कर लिया।सारिका ने बताया कि इस अवसर पर इन बच्चों ने 2300 साल पहले के खगोल वैज्ञानिक एरेटोस्थेनेज (Eratosthenes) द्वारा किये प्रयोग को दोहराया और इसके गणितीय पहलू को समझा। खगोल वैज्ञानिक जागरूकता बढ़ाने हेतु यह प्रयोग नर्मदापुरम में पहली बार किया गया। इस छोटे से प्रयोग की मदद से एक ही स्थान पर खड़े रहते हुये पृथ्वी की परिधि को मापा गया।
सारिका ने बताया कि आज सूर्य के ठीक भूमध्यरेखा के लम्बवत आने के अवसर पर बांद्राभान (Bandrabhan) को धार्मिक के साथ पर्यटन एवं वैज्ञानिक दृष्टि से पहचान दिलाने यह प्रयोग किया था। नदी महोत्सव के बंद होने के बाद इसकी कमी महसूस की जा रही थी। आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Festival of Independence) का साल होने के कारण इसमें 75 बच्चों ने तिरंगे कैप लगाकर प्रयोग किया। इस प्रयोग से बच्चों में अवलोकन, विश्लेषण तथा परिणाम निकालने की वैज्ञानिक समझ बढ़ी।
कार्यक्रम में बाल वैज्ञानिकों ने प्रयोग के साथ अंतरराष्ट्रीय पहचान के साथ बांद्राभान विषय पर पोस्टर भी बनाये। श्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर बच्चों को पुरस्कार प्रदान किये गये। इस अवसर पर स्थानीय संयोजक श्यामसुंदर बाबरिया (Shyamsundar Babaria) को भी सम्मानित किया गया।
कैसे किया प्रयोग
आज जब सूर्य ठीक भूमध्यरेखा पर था, तब विज्ञान प्रसारक सारिका घारू के मार्गदर्शन में बच्चों ने दिन में 11:55 से 12:25 तक प्रयोग करके एक लम्बवत स्ट्रा की सबसे छोटी परछाई को मापा। परछाई से बनने वाले कोण को मापा गया। कोण और दूरी के अनुपात के सूत्र में मान रखकर बच्चों ने बिना चले ही पृथ्वी की परिधि का मान 40,400 किमी निकाला जो कि वास्तविक परिधि के मान 40,075 किमी के काफी करीब था।