नयीदिल्ली। कांग्रेस ने आज शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इसे न्याय पत्र का नाम दिया गया है। इस न्याय पत्र में कांग्रेस ने कई लोक-लुभावन वादे किए हैं। अपने इस ‘न्याय पत्र’ में कांग्रेस ने महिलाओं, युवाओं, श्रमिकों और गरीबों के लिए कई घोषनाएं की हैं लेकिन इस घोषणा पत्र में कहीं भी पुरानी पेंशन स्कीम का जिक्र नहीं है।
जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओपीएस को लेकर कांग्रेस नेताओं से सवाल पूछा कि हिमाचल चुनाव के समय आपने पुरानी पेंशन नीति लागू करने का वादा किया था लेकिन घोषणा पत्र में यह मिसिंग है ऐसा क्यों? इस सवाल पर राहुल गांधी चुप रहे, पी चिदंबरम ने इसका जवाब देते हुए कहा कि यह मिसिंग नहीं है। यह मेरे दिमाग में है। इस पर काम किया जा रहा है, सरकार ने फाइनेंस सेके्रटरी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया है, जो एनपीएस और ओपीएस के डिमांड को रिव्यू करेगी। कमेटी के रिपोर्ट का इंतजार है, जो भी होगा, उस पर हम काम करेंगे। बता दें कि कांग्रेस ने अपने ‘न्याय पत्र’ में 5 न्याय और 25 गारंटियों पर फोकस किया है।
इस घोषणा पत्र में युवा वर्ग, किसानों के साथ ही अल्पसंख्यक, महिलाओं के हितों का भी ध्यान रखा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस के इस घोषणा पत्र को ‘न्याय का दस्तावेज’ बताया है। उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज में 5 न्याय और 25 गारंटी दी गई हैं। सरकार आने पर घोषणा पत्र की हर गारंटी पूरी की जाएगी। कांग्रेस ने ईवीएम और बैलट पेपर की पारदर्शिता के लिए चुनाव कानूनों में संशोधन का वादा किया है। पार्टी ने घोषणा पत्र ने कहा कि मतदान ईवीएम से होगा लेकिन इलेक्ट्रॉनिक वोट टैली का मिलान वीवीपैट स्लिप टैली से किया जाएगा। वहीं, कांग्रेस ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता में गलत तरीके से हस्तक्षेप करने वाले सभी कानूनों और नियमों को निरस्त करने का वादा किया।