नागपुर जीआरपी थाना प्रभारी के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई, 2000 का जुर्माना

इटारसी। प्रथम अपर सेशन न्यायाधीश की अदालत ने साक्षी सतीश हनुमत जगदाले प्रभारी अधिकारी पुलिस नियंत्रण कक्ष लोहे मार्ग नागपुर को 20 जून 23 जून 23 एवं 6 जुलाई 23 को न्यायालय में साक्षी उपस्थित नहीं होने एवं न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने पर अवमानना की कार्रवाई और 2000 अर्थदंड लगाया है। यह राशि तहसील विधिक सेवा इटारसी में आगामी पेशी तिथि को आवश्यक रूप से जमा करने का आदेश दिया है।

इस कार्रवाई में यदि उक्त साक्षी तत्कालीन थाना प्रभारी नागपुर सतीश हनुमत यदि असफल होते हैं तो उसके वेतन से उक्त 2000 की राशि काटे जाने का आदेश भी न्यायालय ने दिया है। साक्षी की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली में भी यह बात लिखने एवं एसआरपी नागपुर को इस आदेश की प्रति ईमेल से भेजे जाने का आदेश भी जारी किया है। न्यायालय ने उक्त साक्षी द्वारा न्यायालय के आदेश पत्रिका 30 जून 23 के पालन में न्यायालय की कार्रवाई के संबंध में कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किए जाने का दोषी माना है और उपरोक्त साक्षी के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश भी दिया गया है। अभियोजन कहानी अनुसार ट्रेन से फरियादी रिया श्रीवास्तव निवासी पंजाबी मोहल्ला तिब्बा रोड लुधियाना नागपुर की यात्रा अपने पति संदीप श्रीवास्तव के साथ कर रही थी। यात्रा के दौरान भोपाल से इटारसी के बीच ट्रेन के आने पर महिला का लेडीज पर्स किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा चोरी कर लिया था जिसकी रिपोर्ट फरियादी रिया श्रीवास्तव ने जीआरपी थाना नागपुर में गाड़ी पहुंचने पर दर्ज कराई थी।

तत्कालीन थाना प्रभारी सतीश हनुमत जगदाले ने फरियादी द्वारा दिए लिखित आवेदन के आधार पर दर्ज की थी। फरियादी ने अपने लिखित आवेदन में उसके लेडीज पर्स में सोने की चैन 1 तोले की, सोने की अंगूठी, ओप्पो कंपनी का मोबाइल, सैमसंग कंपनी का मोबाइल, सोनाटा कंपनी की घड़ी एवं 6000 नगदी रखे होना बताया। आवेदन में कुल 91000 हजार की सामान की चोरी होना बताया था। यह कहा था कि रेलवे स्टेशन इटारसी में जब उसकी नींद खुली तो उसका लेडीज पर्स उसके सिर के नीचे से गायब था। उक्त जीरो की कायमी करने वाली तत्कालीन नागपुर के जीआरपी थाना प्रभारी सतीश जगदाले को न्यायालय में अभियोजन की ओर से 23 को एवं 30 जून 23 को आहूत किया था, लेकिन उक्त साक्षी के द्वारा न्यायालय में न्यायालय में दूसरी पेशी पर यह लिखकर भेज दिया था कि वह अपने स्वास्थ्य खराब होने से सफर नहीं कर सकता था। इसलिए आगामी तिथि पर वीसी से गवाही देने हेतु उपस्थित होगा।

साक्षी ने अपने मेडिकल के कोई दस्तावेज नहीं दिए। इस कारण से कोर्ट ने यह लिखा है कि उक्त साक्षी बिना किसी कारण से कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते हुए साक्ष्य नहीं देकर साक्ष्य से बचना चाहते हुए न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करते हुए बार बार बुलाए जाने पर कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहा है। कोर्ट में पेशी बढ़ रही है जिस का उत्तर दायी पूरी तरह से उक्त साक्षी है। अत: उसपर खर्च स्वरुप 2000 रुपए दंड की राशि अधिरोपित की जाती है। कोर्ट ने अपने लिखित आदेश में यह भी लिखा है कि यदि आगामी 14 जुलाई को उक्त साक्षी सतीश हनुमान न्यायालय में स्पष्टीकरण के साथ उपस्थित नहीं होता है तो स्पष्टीकरण प्रस्तुत ना करने की दशा में न्यायालय मानना की दशा में भी उक्त साक्षी के विरुद्ध एक पक्षी रूप से कार्रवाई की जा सकेगी।

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AUTHORRohit

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