- नर्मदापुरम जिले का सनसनीखेज और जघन्य मामला
सोहागपुर। अपर सत्र न्यायालय, सुरेश कुमार चौबे, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, सोहागपुर, जिला-नर्मदापुरम ने आरोपी किशन उर्फ चिन्नू माछिया उम्र 22 वर्ष को धारा 302 भादवि में मृत्युदण्ड, धारा 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में मृत्युदण्ड, धारा 377 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 450 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 201 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 5,000 रुपए अर्थदंड से दण्डित किया है।
जिला अभियोजन अधिकारी, राजकुमार नेमा ने बताया कि 25 दिसंबर 2021 के समय करीब सुबह 8 बजे नाबालिग बच्ची के पिता काम करने चले गये थे, जब शाम को आये तो नाबालिग बच्ची की मां ने बताया कि बच्ची 02:00 बजे से घर में नहीं है, तभी से घर के सभी लोग उसे ढूूंढ रहे हैं, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल रहा, इसके बाद बच्ची के पिता, अपने साले (बच्ची के मामा) के साथ पुलिस चौकी शोभापुर रिपोर्ट करने गये। चौकी से पुलिस वाले साथ आये, फिर पुलिस वालों ने साथ मिलकर घर के आस-पास ढूंढा। जब पुलिस और सभी लोग छत पर गये और ढूंढा, तो नाबालिग बच्ची छत पर रखे पुराने कपड़ों के नीचे ढकी हुई मिली।
पुलिस द्वारा संपूर्ण जांच के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि घटना दिनांक, घटना समय को घटना स्थल पर किसी अज्ञात आरोपी के द्वारा नाबालिग बच्ची के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के बाद गला घोंटकर हत्या कर दी है, जो उक्त अज्ञात आरोपी का कृत्य अपराध धारा-302, 376 एबी, 377, 450, 201 भादवि एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा-5/6 का पाया जाने में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना सोहगपुर द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना निरीक्षक विक्रम रजक द्वारा की गयी।
विवेचना के दौरान मृतका का बड़ा भाई जो कि सात वर्ष का है, उसने पूछताछ के दौरान बताया कि किशन उर्फ चीन्नु माछिया उसके छत पर आया था। वह और उसकी बहन खेल रहे थे, उसे किशन ने डराकर नीचे भेज दिया था। किशन पर संदेह होने पर संदेही आरोपी किशन उर्फ चिन्नू माछिया को पुलिस ने अभिरक्षा में लिया। अभिरक्षा में अपराध करना स्वीकार किया और बताया कि नाबालिग बच्ची को गला घोंटकर मार दिया था और घटना में प्रयुक्त एक बनियान का टुकड़ा, जो घटना स्थल पर एक पेटी में रखना बताया था, जिसका डीएनए परीक्षण करने पर आरोपी का डीएनए प्रोफाइल समान पाया गया था। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया और आरोपी किशन उर्फ चिन्नू माछिया पिता पुरूषोत्तम माछिया को मृत्युदण्ड से दंडित किया गया।
न्यायालय द्वारा प्रतिक्रिया दी गयी कि हर एक निश्चिल, निर्दोष मासूम, अबोध बालिका का बलात्कार स्वयं ही विरलतम से विरलतम घटना है, और बलात्कार सहित हत्या का मामला जो किसी भी दृष्टि से सामान्य नहीं माना जा सकता। न्यायालय द्वारा रामचरित मानस के माध्मय से भी बताने का प्रयास किया गया, जिसमें बताया गया कि
‘‘अनुज बधू भगिनी सुत नारी, सुनू सठ कन्या सम ए चारी।
इन्हहि कुदृष्टि बिलोकइ जोई, ताहि बधें कछु पाप न होई।।”
अभियोजन की ओर से पैरवी बाबूलाल काकोडिय़ा, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सोहागपुर ने की। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत मौखिक/लिखित दस्तावेजी साक्ष्य, डीएनए/एफएसएल रिपोर्ट एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी किशन उर्फ चिन्नू माछिया को मृत्युदंड से दण्डित किया।