स्थापना के वक्त केवल तीन प्रॉडक्ट, अब 25 प्रॉडक्ट बनाये जाते हैं : जीएम
इटारसी। आयुध निर्माणी प्रबंधन ने आज 18 मार्च को आयुध निर्माणी दिवस (Ordnance Factory Day) का आयोजन किया। सुबह 8:30 बजे अधिकारी और कर्मचारी स्मृति स्थल पर एकत्र हुए। 9 बजे महाप्रबंधक पीके मेशराम ने रक्षा उत्पादन के दौरान शहीद हुए कर्मचारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी अधिकारी-कर्मचारी प्रभातफेरी के रूप में पैदल मार्च करते हुए भवन क्रमांक 137 पहुंचे जहां जीएम ने ध्वजारोहण किया। कर्मचारियों ने आयुध गान का गायन किया और देश के प्रति सच्ची निष्ठा और कार्य के प्रति समर्पण का संकल्प लिया।
जीएम ने सभी को बधाई दी और बताया कि पहली आयुध निर्माण कासीपुर कोलकाता में स्थापित हुई थी। 1978 में इटारसी में स्थापना हुई। एक-एक पायदान उन्नति करते हुए आधुनिक तकनीक को अपनाकर हम अति आधुनिक रक्षा उत्पादनों का निर्माण कर रहे हैं। मिसाइलों के नोदकों के निर्माण की उत्कृष्ट तकनीक में आयुध निर्माणी इटारसी अपना विशेष योगदान दे रही है। इस अवसर पर पुरस्कार समारोह में जीएम ने रक्तदाताओं, मेधावी विद्यार्थियों एवं उत्कृष्ट कार्य संपादन करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। शाम को सतपुड़ा क्लब में रक्षा उत्पादन प्रदर्शनी आयोजित की गई जहां जीएम (GM) की उपस्थिति में महिला कल्याण समिति शाखा इटारसी की अध्यक्ष इंदिरा यादव (Chairman Indira Yadav) ने आयुध उत्पादन प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में एक डाक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया तथा उत्कृष्ट प्रदर्शनी को पुरस्कृत किया।
स्थापना के वक्त केवल तीन प्रॉडक्ट, अब 25 प्रॉडक्ट बनाये जाते हैं : जीएम
आयुध निर्माण के महाप्रबंधक पीके मेशराम ने पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया। उन्होंने बताया कि ऑर्डिनेन्स फैक्ट्री इटारसी की स्थापना को 43 साल हो चुके हैं। स्थापना के वक्त यहां केवल तीन प्रॉडक्ट बनाये जाते थे, आज यहां 25 प्रॉडक्ट बनाये जाते हैं जिसमें पिनाका मिसाइल का प्रॉपलेंट मुख्य है। यहां थल सेना, वायु सेना और नौसेना के अस्त्र- शस्त्रों को उन्नत विस्फोटक देने का काम हो रहा है। दूर तक सुरक्षित मार करने के विस्फोटक तैयार करने के लिए फैक्टरी में नवाचार और टेस्ट किए जाते हैं।
टारगेट लेने के प्रश्न महाप्रबंधक ने कहा कि हम अपनी कैपिसिटी के अनुसार ही टारगेट लेंगे क्योंकि हम बना भी रहें है, जा भी रहा है और आ भी रहा है, इसको बैलेंस रखना पड़ता है।
थर्ड ओर फोर्थ क्लास की नई भर्ती की संभावना पर उन्होंने कहा भर्ती की संभावना कम है क्योंकि ज्यादा जोर आटोमेशन पर दिया जा रहा है। पहले सारा काम मेनुअल चलता था पर अब कोशिश की जा रही है कि अधिकतर काम ऑटोमेशन ओर मेनलेस हो। इससे सेफ्टी ओर बेस्ट क्वालिटी काफी हो सकती है।
कोरोना काल में अपने काम के प्रश्न पर उन्होंने बताया कि हमने अपने स्टेट के लिए 60 से 70 हजार लीटर सेनेटाइजर बनाया। जिसे रेलवे, स्टेट, अपनी सिस्टर फैक्ट्री के अलावा जिस को भी जरूरत थी, उसे मुहैया कराया।
उन्होंने निगमीकरण होने की आशंकाओं के बीच कहा कि हम भी केवल अखबारों में या कभी अधिकारियों के मध्य चर्चाओं में ही यह बात सुन रहे हैं। हालांकि अब तक ऐसी कोई गाइड लाइन नहीं आयी है। उन्होंने कहा कि हालांकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यूनिट वही रहेगी, कर्मचारी वही रहेंगे, उत्पादन वही होगा। इससे कोई असर नहीं होगा।
इस अवसर पर कार्य प्रबंधक जीके पाल, लेफ्टिनेंट कर्नल टीएम लक्क्षा रेड्डी, अपर महाप्रबंधक निरंजन यादव, एके प्रसाद, पंकज गोयल भी मौजूद थे।