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पहल: यदि बात बन जाए तो, बन सकता है कोविड केयर सेंटर

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सोशल मीडिया पर चर्चा को साकार रूप देने की जरूरत

इटारसी। सोशल मीडिया (Social media) पर आज निजी क्षेत्र के सहयोग से कोविड केयर सेंटर या आईसोलेशन वार्ड बनाने की चर्चा को यदि साकार रूप मिल गया तो निश्चित ही इस शहर के लिए सुकून और प्रदेश के लिए प्रेरणादायी रहेगा। बस, विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा (Dr. Sitasaran Sharma, MLA) की ओर से सकारात्मक पहल की आवश्यकता है। कुछ संगठन हैं जो उपकरणों के लिए तैयार हैं, कुछ मरीजों के भोजन की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं तो कुछ सेवा देने वालिंटियर बनने की सहमति दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर हुई चर्चा को कार्यरूप में परिणित करने की इस शहर को आवश्यकता है। इसमें विधायक डॉ. शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है, क्योंकि शासन और प्रशासन स्तर पर शहर का प्रतिनिधित्व उन्हीं के हाथों में है और आने वाली हर बाधा को वे ही दूर करने में सक्षम हैं।

शहर में जगह की कमी नहीं
कोविड केयर सेंटर (Covid care center) बनाने के लिए शहर में जगह की कोई कमी नहीं है। सबसे पहले तो राठी अस्पताल का भवन ही इतना बड़ा है, कि उसका उपयोग किया जा सकता है। ऊपरी मंजिल खाली है। ओपीडी (OPD) को अन्य जगह स्थानांतरित किया जा सकता है। ओपीडी में वैसे भी आजकल बहुत मरीज नहीं आ रहे हैं। ज्यादातर मरीज फीवर क्लीनिक में जा रहे हैं। एक वक्त हैजा वार्ड के तौर पर पहचाने जाने वाले राठी अस्पताल के सामने बने भवन में एक हाल है, उसमें डाक्टर्स को बिठाकर ओपीडी चालू की जा सकती है। यहां ओपीडी पर्ची बनाने का काम भी होता रहा है।

गुरुनानक स्कूल का भवन
गुरुनानक स्कूल का वह भवन जहां अब तक बालिका मुस्कान गृह (Balika muskaan grah) संचालित होता था, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संरक्षक जसपाल सिंघ भाटिया (Jaspaal singh Bhatiya) इसे देने के लिए तत्पर हैं। यहां भी कोविड सेंटर या फिर आईसोलेशन सेंटर बनाया जा सकता है। इसके अलावा ऑडिटोरियम में दो हॉल हैं, एक छोटा और एक बड़ा। ये हॉल हवादार हैं, पर्याप्त प्रकाश है, शौचालय, यूरिनल, बिजली की पर्याप्त व्यवस्था है। मरीजों के भोजन की जिम्मेदारी गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी सहित शहर के अन्य कुछ संगठन उठा सकते हैं।

बस मेडिकल स्टाफ की जरूरत
सोशल मीडिया पर जिस तरह से चर्चाएं चली हैं, कुछ डॉक्टर्स ने भी इसमें सहभागिता निभायी और अपना यथासंभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया है, उसे शहर के लिए बेहतर पहल माना जाना चाहिए। निजी डॉक्टर्स इसमें सहयोग करके समय-समय पर परामर्श के लिए तैयार हों, प्रायवेट नर्सिंग कालेज से संपर्क किया जा सकता है, जो शहर और आसपास संचालित हैं। शहर के निजी चिकित्सक वैसे भी काफी सहयोग कर रहे हैं। इस मामले में एक बात यह भी हो सकती है कि जो लोग भुगतान करने की स्थिति में हैं, उनसे भुगतान भी लिया जा सकता है, क्योंकि बड़े शहरों की बड़ी अस्पतालों में पलंग नहीं हैं और अपनी व्यवस्था हमें खुद ही करना पड़ेगी। आशा है, इस दिशा में जल्द ही कोई पहल हो।

चर्चा में वरिष्ठ साहित्यकार चंद्रकांत अग्रवाल, सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष जितेंद्र ओझा, जिला हॉकी संघ के सचिव कन्हैया गुरियानी, सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष यज्ञदत्त गौर, केबल संचालक अनिल मिहानी, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संरक्षक जसपाल सिंह भाटिया डॉक्टर केएल जैसवानी, सामाजिक कार्यकर्ता मनीष ठाकुर, सांसद प्रतिनिधि राजा तिवारी सहित अनेक गणमान्य जनों ने भाग लिया।

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