गुरु पूर्णिमा उत्सव के दूसरे दिन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा हुई

Post by: Rohit Nage

इटारसी। शासकीय एमजीएम पीजी महाविद्यालय में आज गुरु पूर्णिमा उत्सव के द्वितीय दिवस प्राचार्य डा. राकेश मेहता और अतिथियों ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। विशेष रूप से आमंत्रित योग शिक्षक राकेश चौहान ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग और ध्यान का महत्व पर अभ्यास के साथ विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने पौराणिक कथाओं से उदाहरण प्रस्तुत करते हुए तथा आधुनिक समय के तकनीकि युग से तुलना करते हुए योग एवं ध्यान का मानव जीवन पर प्रभाव को समझाया।

सीधी रीढ़, खान पान के तरीके, विभिन्न मुद्राएं, प्रात: काल उठना, शारीरिक श्रम करना आदि को एक स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक बताया। एकलव्य का उदाहरण देते हुए कहा कि गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अपने मन मस्तिष्क में गुरु का तस्वीर और श्रद्धा भाव होनी चाहिए। प्राचार्य डॉ. राकेश मेहता ने शिक्षा और दीक्षा में भेद को समझाते हुए शिक्षक और गुरु के अलग अलग भूमिका को समझाया। उन्होंने वैश्विक मानव एवं मानव का समग्र विकास को भारतीय दृष्टिकोण एवं भारतीय संस्कार कहा। उपनिषद से शांति पाठ कर उन्होंने आध्यात्मिकता का संदेश दिया।

भूगोल विभाग के अध्यक्ष डा दिनेश कुमार ने नवीन शिक्षा पद्धति में नवाचार का उल्लेख करते हुए स्वयं पोर्टल पर विभिन्न ऑनलाइन पाठ्यक्रम, जूम, गूगल मीट, इंटरएक्टिव बोर्ड आदि का चर्चा किया। गणित विभाग के अध्यक्ष डॉ. रश्मि तिवारी ने शिक्षा के क्षेत्र में लाई गई परिवर्तन को वैज्ञानिक एवं तकनीकी परिवर्तन के साथ एक समानांतर क्रिया मानते हुए इसे शिक्षा के क्षेत्र मे सुधार हेतु आवश्यक बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को उद्यमिता, फील्ड प्रोजेक्ट, इंटर्नशिप आदि विषयों को विस्तार से समझाया।

भौतिकी विभाग के सहायक प्राध्यापक डा मुकेश जोठे ने समाज में गुरु एवं शिक्षक के भूमिका को निभाने में सजगता एवं कर्तव्य बोध की आवश्यकता पर चर्चा किया। योग शिक्षक राकेश चौहान का प्राचार्य ने शॉल और श्रीफल से सम्मान किया। संचालन स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्ग दर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. पवन कुमार अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के अलावा, डॉ. सुसन मनोहर, डॉ. एमवी कनकराज, डॉ. अर्चना शर्मा, डॉ. वीके कृष्णा, डॉ. बसा सत्यनारायण, डॉ. सुशीला बरबड़े, डॉ. असुंता कुजूर, डॉ. सौरभ पगारे आदि प्राध्यापक उपस्थित थे।

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