संभागीय उपायुक्त ने छात्राओं से कहा, जो भटकता नहीं है वह जीवन की राह पाता है

Rohit Nage

Divisional Deputy Commissioner told the girl students, he who does not wander finds the path of life.

इटारसी। संभागीय उपायुक्त जातीय कार्य जेपी यादव (Divisional Deputy Commissioner Ethnic Affairs JP Yadav) ने आज रविवार आदिवासी ब्लॉक केसला (Tribal Block Kesla) संचालित पांच विभागीय छात्रावासों का निरीक्षण करके वहां की व्यवस्थाएं देखीं और वहां उपलब्ध सामग्री की उपलब्धता की जानकारी ली। विद्यार्थियों से कॅरियर के विषय में चर्चा की और कहा कि जो अपने लक्ष्य से भटकता नहीं है, वह जीवन की राह पाता है।

इन छात्रावास को देखा

श्री यादव ने बालक छात्रावास और कन्या आश्रम सुखतवा (Sukhatwa), बालक आश्रम पोडार, कन्या सीनियर छात्रावास केसला, कन्या आश्रम चूरना का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान आवास, भोजन, बिजली, पानी, स्वास्थ्य परीक्षण, अभिलेखों आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता आदि का अवलोकन किया। बालक आश्रम पोढार में अधीक्षक और स्टाफ द्वारा तैयार किये हरे-भरे परिसर की प्रशंसा की। यहां पर 10 -10 प्रकार के फलदार और फूलदार तथा 5 प्रकार की सब्जियां बड़े स्तर पर लगी हुई पाई गईं। कमरे व्यवस्थित और परिसर साफ सुथरा था। वाशिंग मशीन, शुद्ध पेयजल के लिए आरओ तथा कूलर भी उपलब्ध है, यह उत्कृष्ट श्रेणी का अभिनव छात्रावास है।

अच्छा लगता है, घर की याद नहीं आती

जेपी यादव ने कन्या आश्रम सुखतवा में स्थान का अभाव पाया। इसके अलावा व्यवस्थाएं ठीक थीं। छात्राओं ने बताया कि यहां अच्छा लगता है, इसलिए उन्हें घर की याद नहीं आती। अधीक्षक का व्यवहार मां के सामान बताया। कन्या छात्रावास केसला में श्री यादव ने छात्राओं से कैरियर के बारे में भी चर्चा की। छात्राओं से कहा कि समय का सदुपयोग करें, क्योंकि गया हुआ समय वापस नहीं आता। जीवन के इस मोड़ पर जो अपने को भटकने से बचा लेगा वो जीवन को संवार लेगा। अनेक प्रेरक बातों से उन्होंने छात्राओं का हौसला बढ़ाया। बच्चों से कविताएं सुनी और उन्हें टॉफी दी।

अधीक्षक के प्रति नाराजी जतायी

बालक छात्रावास सुखतवा का नवनिर्मित भवन विभाग को हस्तांतरित न होने से वर्तमान भवन में छात्रावास के संचालन में असुविधा हो रही हैं। सहायक आयुक्त को निर्देशित किया कि निर्माण एजेंसी से संपर्क कर भवन को शीघ्र आधीपत्य मे लेकर संचालन कराएं। कन्या आश्रम चूरना में अभिलेख अध्ययतन संधारित नहीं पाए जाने पर अधीक्षिका के प्रति नाराजी व्यक्त कर तीन दिवस में संधारित करने के निर्देश दिए। छात्रावास अधीक्षक डीपी यादव, रूबी पंवार, सुषमा वरकड़े का कार्य प्रशंसनीय पाया गया जबकि रीना सोलंकी के कार्य पर नाराजी व्यक्त की गई।

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