इटारसी। आज वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मज़दूर संघ(West Central Railway Mazdoor Union) के पांचों ब्रांचों ने मंडल सचिव आरके यादव के निर्देश पर अमल करते हुए वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी(Senior divisional personnel officer) श्री मीणा को रेलवे स्कूल परिसर इटारसी में कोरोना को लेकर काफी मुददों पर बातचीत की।
संघ ने अवगत कराया कि इटारसी में कोविड-19 को लेकर कोई तैयारी रेलवे की नहीं है। रेलवे हॉस्पिटल में कोई व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है। जिसके कारण सतीश भमरकर और विष्णु उइके जैसे रेल कर्मचारियों की जान चली गयी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज में जहां रेलवे में कर्मचारियों की कटौती की जा रही है कि बेहतर प्राइवेट हॉस्पिटल की सुविधा मिलेगी और वहीं कर्मचारी अपने ही इलाज के लिए मोहताज़ है। कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। हॉस्पिटल की चरमराती व्यवस्था की भी जानकारी महाकालेश्वर कश्यप ने दी। काफी चर्चा के बाद श्री मीणा जी ने प्रशासन की ओर से आश्वस्त किया कि इटारसी में दयाल हॉस्पीटल और होशंगाबाद में भी एक और अस्पताल का चल रहा है साथ ही ऑक्सीजन सुविधा युक्त वैन भी शीघ्र चालू करने के संकेत दिये। उन्होंने कहा कि वे मंडल रेल प्रबंधक भोपाल से चर्चा करेंगे। इटारसी के लिए वे आवश्यक रूप से कार्यवाही शीघ्र करेंगें। इस आश्वासन पर ही संघ ने सीनियर डीपीओ को वहां से विदा होने दिया। इस चर्चा में विशेष रूप से मुख्यालय कार्यकारिणी सदस्य भगवती वर्मा, महाकालेश्वर कश्यप, कुंदन आगलावे, कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कलोसिया, अर्जुन उंटवार, अशोक दुबे, राजेश कुमार, कन्हैया,अमित डागर, संजीव नाना आदि काफी लोग संघ के मौजूद रहे।
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डीपीओ को बतायी रेल क्षेत्र की समस्याएं

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