नर्मदापुरम। शासकीय नर्मदा कॉलेज में आइक्यूएसी और विश्व बैंक परियोजना के तहत संकाय विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम की श्रंखला में बुनियादी ढांचा और अनुसंधान नवाचार पर व्याख्यान केंद्रित रहे।
प्राचार्य डॉ. ओएन चौबे ने स्वागत भाषण में कहा कि हमें नैक तथा आईक्यूएसी के निर्देशात्मक सुधारों के अलावा ऐसे कई बिंदुओं पर अमल करना होगा, जिन्हें प्रबंधन के लिए व्यवहारिक और नैक प्रत्यायन के लिए आवश्यक माना है जिससे बेहतर अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। इस अवसर पर डॉ एसपी शुक्ला, टीआरएस कॉलेज रीवा का ऑनलाइन वक्तव्य में मुख्य बिंदु अनुसंधान नवाचार था। दस्तावेजी करण के अंतर्गत उन्होंने वर्कशॉप या सेमिनार के आयोजन की कागजी कार्यवाही, रिसर्च पेपर, पत्रिका प्रकाशन, आईएसबीएन नंबर और उपस्थिति को सूचीबद्ध करके वार्षिक रिकॉर्ड में क्रमवार संधारित करने का सही तरीका बताया।
डॉ कल्पना सिंह माधव, कॉलेज उज्जैन का व्याख्यान बुनियादी ढांचा और सीखने के संसाधन विषय पर रहा। उन्होंने समिति कक्ष, कार्यालय, पुस्तकालय, प्रसाधन, कंप्यूटर , इंटरनेट,प्रिंटर ,फोटो कॉपी मशीन, लैब, क्रीड़ा मैदान, सांस्कृतिक भवन और उपकरणों की खरीदी के साथ उनके मेंटेनेंस के बिल, बिजली बिल प्रबंधन पर बिंदुवार बारीकियों से विस्तृत जानकारी दी, अर्थात कॉलेज की भौतिक वस्तुओं और उनके रखरखाव की व्यवस्था पर ध्यान आकृष्ट किया।
डॉ कमल वाधवा, डॉ ममता गर्ग कार्यक्रम के संयोजक रह।े डॉ मीना कीर ने आभार व्यक्त किया। डॉ कमल चौबे, डॉ अमित जोशी, डॉ सविता गुप्ता, डॉ जे के कमल पुरिया डॉ राजीव शर्मा, डॉ एन आर अडलक, डॉ आशीष तोमर, डॉ एस के दिवाकर, डॉ अंजना यादव, शबनम कुरैशी, मंजुला भूमरकर, डॉ अर्पणा श्रीवास्तव सहित अन्य लोग ऑनलाइन उपस्थित रहे।