मक्का में फॉल आर्मी वर्म ने दस्तक दी, इससे बचने करे उपाय

Post by: Poonam Soni

बैतूल। जिले में मक्के का क्षेत्रफल लगातार बढ़ रहा है। साथ ही इसमें कीट रोग का प्रकोप भी बढ़ रहा है। विगत वर्षों में देश-प्रदेश एवं जिले में मक्के (Macca) में एक नये कीट फॉल आर्मी वर्म (spodoptera fujiparda) ने दस्तक दी है एवं कुछ क्षेत्रों में गंभीर क्षति पहुंचाई है।
कृषि विज्ञान केंद्र बैतूल (Krishi Vigyan Kendra Betul) के पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. आरडी बारपेटे (Plant Protection Scientist Dr. RD Barpete) एवं केंद्र के प्रमुख डॉ. व्ही. के. वर्मा (Dr. V. K. Verma) ने इस कीट के प्रति सजग रहने का अनुरोध कृषकों से किया है। कीट का प्रकोप 15-20 दिन की फसल से होता है एवं अगले लगभग एक माह में यह फसल को गंभीर क्षति पहुंचाता है। इसकी हानिकारक अवस्था मोटी भूरे रंग की इल्ली, जिसका सिर लाल रंग का होता है एवं इस पर उल्टे वाय (अंग्रेजी का अक्षर) के आकार की रेखाएं होती है। यह बहुभक्षी कीट पत्तियों में छिद्र करके तने के अंदर प्रवेश करता है।

प्रबंधन-
प्रकाश प्रपंच एवं फेरामोने प्रपंच खेतों में लगाए, इससे निगरानी एवं नियंत्रण दोनों होते हैं।
15-25 दिन की फसल में पौधों की पोंगली में 4-5 ग्राम रेत, राख, या लकड़ी का बुरादा का भूरकाव करे। ये गैर रासायनिक प्रभावी उपाय है।

कीट प्रकोप होने पर कृषि वैज्ञानिक या कृषि अधिकारी से पुष्टि होने के बाद रासायनिक उपाय करें-

लगभग 5 प्रतिशत प्रकोप होने पर रासायनिक कीटनाशक के रूप में फ्लूबेंन्डामाइट 20 डब्ल्यू डी जी 250 ग्राम प्रति हेक्टर।
या स्पाइनोसेड 45 एस.सी, 200-250 ग्राम प्रति हेक्टर।
इथीफेनप्रॉक्स 10 ईसी 1 लीटर प्रति हेक्टर।
या एमामेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी का 200 ग्राम प्रति हेक्टर में कीट प्रकोप की स्थिति अनुसार 15-20 दिन के अंतराल पर 2 से 3 बार छिडक़ाव करें।
प्रथम छिडक़ाव बुआई के बाद 15 दिन की अवधि में अवश्य करें।

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