इटारसी। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारतीय शराबबंदी मामले में अपनी ही पार्टी से समर्थन न मिलने पर दुखी हैं। अपनी पीड़ा को उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर जाहिर भी किया है। उन्होंने लिखा है कि निजी तौर पर मेरे पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इन अभियानों के लिए मेरे प्रति सम्मान एवं समर्थन दिखाते हैं किन्तु पार्टी की तरफ से कोई विशेष आयोजन इन विषयों को लेकर नहीं होता है।
उमा भारतीय ने एक दिन पूर्व ही दिखा कि सोशल मीडिया मेरा सबसे बड़ा सहारा है। उनके द्वारा मेरी सभी बातें मेरे परिचित एवं सहयोगियों तक पहुंच जाती हैं। अगले ही पैरे में लिखा कि यह तो मीडिया की मेहरबानी है कि वो उसमें से खबर बना लेते हैं एवं मेरी पहुंच का दायरा मेरे लोगों तक बढ़ा देते हैं। उन्होंने लिखा कि चंद्रग्रहण के बाद नागपुर होकर अमरकंटक के आसपास अज्ञातवास में रहते हुए मंडराते रहूंगी।
उन्होंने पार्टी और मध्यप्रदेश की सरकार को एक तरह से समय देते हुए कहा कि दत्त पौर्णिमा 8 दिसंबर तक प्रतीक्षा करेंगी कि केन्द्रीय स्तर पर हमारी पार्टी एवं राज्य स्तर पर हमारी मध्यप्रदेश की सरकार क्या नीति बनाती है, मसला गंभीर है, अब 8 दिसंबर के बाद संवाद करेंगे।