इटारसी। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में अब गैर मान्यता प्राप्त/झोलाछापों पर सरकार सख्त हुई है। मोहन सरकार (Mohan Sarkar) ने मध्यप्रदेश के समस्त कलेक्टर (Collector) एवं जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इनको नियंत्रित कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि नर्मदापुरम जिले Narmadapuram Districtके ग्रामीण अंचलों के साथ ही शहरी इलाकों में भी कई झोलाछाप लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
मोहन सरकार ने प्रदेश के समस्त कलेक्टर और जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को झोलाछापों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है, साथ ही फर्जी डॉक्टरों को नियंत्रित कर आवश्यक कार्रवाई करने निर्देश दिया गया है। अब झोलाछाप चिकित्सकों के संस्थानों पर तत्काल प्रतिबंधित किया जाएगा। कलेक्टर और सीएमएचओ को ग्रामीण इलाकों में झोलाछापों के बारे में बताए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं, साथ उन्हें ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर सरकारी सुविधाओं के बारे में जानकारी देना होगा।
गौरतलब है कि प्रदेश के अधिकतर ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं, जो फर्जी तरीके से क्लीनिक संचालित कर लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं। मोहन सरकार के इस निर्देश के बाद अब झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ऐसी उम्मीद की जा रही है। शहर के समीप ग्राम पीपलढाना (Village Pipaldhana) में तो एक झोलाछाप मनोज नामक कथित चिकित्सक ने बाकायदा अस्पताल खोल रखी है, जहां वह मरीजों को दिन भर या कुछ घंटों के लिए भर्ती करके भी रखता है।
वह न सिर्फ उपचार करता, बल्कि ग्रामीणों को अपने पक्ष में भी इस्तेमाल करता है। कुछ वर्षों पूर्व एक एसडीएम ने उसके खिलाफ कार्रवाई की तो उसके समर्थन में दो ट्रालियां भरकर ग्रामीण एसडीएम दफ्तर पहुंच गये थे। ऐसे तथाकथितों पर कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को कार्ययोजना बनानी होगी जो स्वयं की करतूतों को बचाने भोले ग्रामीणों का इस्तेमाल करते हैं।