बुधवार, जुलाई 3, 2024

LATEST NEWS

Train Info

केसला की हनुमान मंदिर समिति ने ली मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय शरण

इटारसी। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highway Authority of India) और स्थानीय प्रशासन से नवनिर्मित मंदिर की गुणवत्ता की जांच की मांग कर रही केसला की श्री हनुमान मंदिर समिति (Shri Hanuman Mandir Committee) ने अब उच्च न्यायालय (High Court) की शरण ली है। प्राचीन मंदिर के फोरलेन (Fourlane) की राह में आने के बाद मंदिर के विस्थापन के लिए नये मंदिर का निर्माण किया है। मंदिर समिति का कहना है कि मंदिर गुणवत्ताहीन है, जिसकी जांच कर दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए। उनकी इस मांग पर तो सुनवाई नहीं की गई बल्कि मंदिर समिति 16 सदस्यों पर तहसील न्यायालय में केसला पुलिस ने 107, 116 का मामला पेश कर दिया।

बता दें कि मंदिर समिति पिछले कई माह से इस मामले में संघर्ष कर रही है। मंदिर समिति और ग्रामवासियों को विश्वास में लेने के लिये एनएचएआई के अधिकारियों ने मंदिर की जो ड्राइंग दी थी उसके अनुरूप निर्माण न होते देख समिति ने विरोध किया और अनेकों बार स्थानीय तथा जिला प्रशासन को लिखित शिकायतें कीं, किन्तु कोई भी परिणाम जब सामने नहीं आया तो विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल से सहयोग मांगा। संगठन ने भी एनएचएआई के सर्वोच्च अधिकारी, कलेक्टर (Collector) और एसडीएम (SDM) से भी नये मंदिर निर्माण की गुणवत्ता की जांच का आग्रह किया। मांग तो नहीं मानी गयी बल्कि एनएचएआई के अधिकारियों की शिकायत पर केसला पुलिस ने धारा 107,116 का परिवाद केसला तहसीलदार के न्यायालय में पेश कर दिया।

मंदिर समिति ने प्राचीन मंदिर में विगत दिनों एक पत्रकार वार्ता में विहिप-बजरंग दल के प्रमुखों की उपस्थिति में स्पष्ट किया था कि हम विकास में बाधक नहीं हैं और ना ही मंदिर को नये स्थान पर स्थापित करने का विरोध कर रहे हैं , हमारा कहना है कि नये मंदिर की गुणवत्ता में आर्थिक लाभ प्राप्त करने हेतु कमी की गई है। इसकी जांच होनी चाहिए। मंदिर समिति के सचिव अश्वनी व्यास (Ashwani Vyas) तथा विहिप प्रांत सह मंत्री गोपाल सोनी (Gopal Soni), जिला मंत्री प्रभात तिवारी (Prabhat Tiwari) ने संयुक्त रूप से बताया कि उपरोक्त उद्देश्यों को पूरा करने के लिये हमने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर (Madhya Pradesh High Court Jabalpur) में याचिका प्रस्तुत की है, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

MP Tourism

error: Content is protected !!