आज शुद्ध खानपान मिलना मुश्किल सा हो गया है। न सिर्फ अनाज बल्कि सब्जियां भी जहरीली होती जा रही हैं। ऐसी कोई सब्जी नहीं है, जो शुद्ध हो। सेहत के लिए सबसे बेहतर मानी जाने वाली लौकी, करेला और कई अन्य सब्जियां भी अब कीटनाशक के प्रयोग से उछूती नहीं रही हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या हमें शुद्ध और ताजी सब्जियां नहीं मिलेंगी? जवाब है, मिल सकती हैं परंतु आपको उनके लिए स्वयं मेहनत करनी होगी, अपने मकान की छत पर इन सब्जियों को परंरागत तरीके से उगाकर।
खुली जगह या टैरेस पर सब्जियां उगाई जा सकती हैं। बस आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होगा। घर में उगाई गई केमिकल फ्री सब्जियां खाने का मजा ही कुछ और है। ये सब्जियां न सिर्फ पॉकेट फ्रेन्डली होती हैं, बल्कि बिना किसी टेंशन के इनका सेवन करना भी आसान होता है। आप चाहें तो इन सब्जियों को पूरे साल गमले में उगा सकते हैं। आपके घर की छत पर या अपने घर के आसपास यदि खाली भूखंड है तो उसमें सब्जियां उगाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। इन सब्जियों को उगाते समय खराब फली यानी बीज का इस्तेमाल न करें। ऐसा करने से पौधा नहीं उगेगा। अगर वह किसी कारण उग आया है तो कुछ समय के बाद खराब हो जाएगा। ऐसे में अक्सर सब्जियों को लगाते समय सही और बेहतर बीज का चयन करें।
बैंगन
बैंगन को छत पर उगाना सबसे आसान है। बाजार में इसके पौधे मिलते हैं, जिन्हें लाकर आप किसी गमले में इसे उगा सकते हैं। सबसे पहले आप गमले में मिट्टी और जैविक खाद मिला लें, जब इस तरह से गमला तैयार हो जाए तो नर्सरी से लाए हुए बैंगन के पौधों को इनमें रोप दें। एक गमले में आप एक से ज्यादा पौधा नहीं लगाएं। ऐसे करके आप छत पर एक से अधिक गमलों में बैंगन उगा सकते हैं। ये पौधे दो महीनों के भीतर बैंगन देने लगेंगे।
शिमला मिर्च
शिमला मिर्च उगाने में धूप और पानी का खास ख्याल रखना होता है। कोशिश करें कि शिमला मिर्च के पौधों पर सीधी धूप न पड़े। अगर ऐसा हुआ तो पौधा सूख सकता है। आप ग्रीन मेट से छत को ऊपर से कवर कर सकते हैं। इसी तरह से आप हरी मिर्च भी उगा सकते हैं। अगर आपका छत बड़ा है, कई गमले रख के एक छोटा सा वेजिटेबल गार्डन भी बना सकते हैं, जिसमें आप हर रोज बिना केमिकल वाली ताजी ताजी सब्जियां उगा सकते हैं।
धनिया
सब्जियों का स्वाद बढ़ाने वाली और महकदार धनिया की खेती सबसे आसान है। इसके लिए चौड़ी चीज जैसे कोई बड़ी और गहरी ट्रे लेना होगा। इस ट्रे में पहले आप जैविक खाद और मिट्टी डाल दें, उसके बाद इसमें धनिया के बीज डाल दें। उसमें पानी का हल्का छिड़काव कर दें। दस से बीस दिनों में धनिया के पौधे तैयार हो जाएंगे, एक महीने के बाद आप इनकी पत्तियों का इस्तेमाल कर पाएंगे।
इनके अलावा पालक, बींस, पुदीना, करी पत्ता, तुलसी, पुदीना, मैथी, टमाटर जैसी सब्जियां किसी भी छोटे गमले में आप बालकनी में आसानी से उगा सकते हैं। करेला और खीरा जैसी सब्जियों की बेलें न सिर्फ आपको फल देंगी बल्कि आपकी बालकनी की खूबसूरती भी बढ़ाएंगी। इनमें 45-50 दिन में सब्जियां आने लगती हैं। गर्मियों में करेला, भिंडी, टिंडा, ककड़ी आदि। ककड़ी व बैंगन जनवरी के आखिर तक लगा दें। जबकि बाकी सब्जियां फरवरी-मार्च में लगाएं। सर्दियों में मूली, गाजर, टमाटर, गोभी, पत्तागोभी, पालक, मेथी, लहसुन, बैंगन, मटर आदि। ये सभी सब्जियां अक्टूबर, नवंबर में लगाई जाती हैं।
छत पर सब्जियां उगाने के फायदे
- रूफटॉप गार्डनिंग स्वास्थ्य की दृष्टि से एक बहुत अच्छा शौक है। यह न केवल व्यक्ति को सप्ताह भर कुछ घंटे के लिए व्यस्त रखता है बल्कि प्रकृति की गोद में होने का अहसास कराता है।
- जिन घरों में घर के आगे या पीछे कोई जगह उपलब्ध नहीं है, वहां पर इस विधि द्वारा सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं।
- परिवार के लिए ताजी एवं रसायन मुक्त सब्जी सुगमता से उपलब्ध हो जाती है। स्वयं उगाई हुई सब्जियों से आप बाजार की रसायन व कीटनाशक युक्त उत्पादों सेे बच सकेंगे।
- इस तकनीक में सब्जियां लगाना सरल व सस्ता है। जरूरी नहीं की महंगे गमलों का उपयोग किया जाए, बल्कि अनुपयोगी वस्तुओं जैसे डिब्बे, बाल्टी आदि में भी सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती हैं।
- इसे एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित करना भी संभव है।
- इससे आपको बाजार से ऊंची कीमतों पर सब्जियां नहीं खरीदनी पड़़ेगी व इससे समय एवं पैसे दोनों की बचत होगी।
- यह आपके घर की सुन्दरता कई गुना बढ़ा देगी।
- इस तरीके से आप स्वच्छ व ताजी सब्जी उत्पादन का हुनर सीखेंगे और यह आपको ताजगी भरी हरियाली का सुकून, मानसिक शान्ति, प्रदान करेगी।