इटारसी। मां चामुंडा दरबार भोपाल (Maa chamunda Darbar Bhopal) के पुजारी गुरु पंडित रामजीवन दुबे (Pandit Ramjeevan Dubey), ज्योतिषाचार्य विनोद रावत (Astrologer Vinod Rawat) ने बताया की चैत्र शुक्ल पक्ष एकम शनिवार 2 अप्रैल को राक्षस नाम नव संवत्सर (Nav Samvatsar) का शुभारंभ होगा। राजा शनि मंत्री गुरू रहेंगे। गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa), चेटी चांद (Cheti Chand) भगवान झूले लाल जयंती (Lord Jhule Lal Jayanti), बसंती नवरात्रि (Basanti Navratri) सृष्टि का आरंभ हुआ था। श्रीमद् भगवत देवी पुराण (Shrimad Bhagvat Devi Purana) में बताया है कि पंचक में प्रारंभ नवरात्रि पांच गुना फल देती है। विश्व में 4 ग्रहण पड़ेंगे। भारत (India) में 2 ग्रहण दिखाई देंगे। सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर, चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को दिखाई देंगे। जी-गौरा का एस-साधना के साथ टी-तप रहेगा। मंत्रों के साथ मानव सेवा से सिद्धि प्राप्त होती है। घोड़े की सवारी रहेगी। रवि पुष्य के साथ 4 रवि योग 4 सर्वार्थ सिद्धि योग में यह नवरात्रि मनाई जावेगी। मंगल और राहु-केतु अपनी उच्च राशि में रहेंगे। वहीं शनि खुद की राशि मकर में होगा। नव वर्ष का सूर्य उदय की कुंडली में शनि-मंगल की युति से धन, भाग्य और लाभ का शुभ योग बन रहा है। इस योग के प्रभाव से मिथुन, तुला, धनु राशि वाले लोगों के शुभ रहेगा। अन्य राशियों के लिए बड़े बदलाव का समय रहेगा। यह ग्रहों का संयोग 1563 साल बाद बना है इससे पहले 22 मार्च 459 को बना था। रेवती नक्षत्र में वर्ष का शुभारंभ होगा। इसका स्वामी बुध के कारण कारोबार में फायदा होगा। बड़े लेन-देन होंगे। मीन राशि के कारण समय शुभ रहेगा। मंगल के प्रभाव से प्रॉपर्टी के कारोबार में तेजी आने के योग हैं। प्राकृतिक आपदा, तेज गर्मी, सड़क दुर्घटनाओं से रक्षा हो। सुख-संपत्ति बढ़ाने वाले 3 राजयोग में शुरू होगी नवरात्रि।
1563 साल बाद दुर्लभ संयोग में शुरू होगा हिंदू नव वर्ष


Rohit Nage
Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.
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