नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को शेष जीवनकाल तक कारावास

Post by: Rohit Nage

10 years rigorous imprisonment to the person who shot with the intention of murder and 5-5 years rigorous imprisonment to his accomplices

नर्मदापुरम। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) श्रीमती आरती ए शुक्ला (Special Judge (PACSO) Smt. Aarti A. Shukla) के न्यायालय (Court) ने धारा- 376(3), 366 भा.द.वि. एवं 3/4 पाक्सो एक्ट (POCSO Act) में एक आरोपी को दुष्कर्म के अपराध के लिए आजीवन कारावास (Life Imprisonment) शेष जीवनकाल तक की सजा सुनाया। अपहरण करने के लिए 05 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाया। न्यायालय ने अभियोजन के निवेदन पर विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पीडि़ता को प्रतिकर दिए जाने की अनुशंसा की है।सहायक जिला अभियोजन अधिकारी दिनेश कुमार यादव (Assistant District Prosecution Officer Dinesh Kumar Yadav)ने बताया कि घटना रात्रि 13 जनवरी 2020 की है। पीडि़ता अपने घर में भतीजी के साथ सोई हुई थी। उसी समय गांव का एक आदमी उसके पलंग के पास बैठ गया। फरियादिया की नींद खुली तो आरोपी ने उसका मुंह दबाकर गांव के पास जंगल की तरफ ले गया और जंगल में उसके साथ बुरा काम किया। आरोपी ने पीडि़ता को धमकी दी की यदि वह किसी को बतायेगी तो उसे जान से खत्म कर देगा। आरोपी उसे जंगल में ही छोड़कर चला गया। पीडि़ता ने वापस आकर अपने भाई और भाभी को घटना की जानकारी दी। जिसकी रिपोर्ट पीडि़ता ने थाना सिवनीमालवा में की। पीडि़ता की उम्र 15 वर्ष की होने से थाना सिवनी मालवा द्वारा धारा- 376(3), 366 भादवि एवं 3/4 पाक्सो एक्ट के अंतर्गत अपराध दर्ज किया और प्रकरण की विवेचना उपनिरीक्षक वैशाली उइके (Sub-Inspector Vaishali Uike) ने की।
विवेचना उपरांत आरोपी राजकुमार के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। मामले का विचारण विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) श्रीमती आरती ए शुक्ला के न्यायालय में चला। अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं विशेष लोक अभियोजक के तर्क से आरोपी के विरूद्ध अपराध प्रमाणित पाये जाने पर आरोपी को धारा- 376(3), 366 भा.द.वि. एवं 3/4 पाक्सो एक्ट में न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध ठहराया और फरियादिया के साथ दुष्कर्म करने के अपराध के लिए आजीवन कारावास शेष जीवनकाल तक की सजा सुनायी। अपहरण करने के लिए 05 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाया। न्यायालय ने अभियोजन के निवेदन पर विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पीडि़ता को प्रतिकर दिए जाने की अनुशंसा की है।
उप संचालक अभियोजन गोविंद शाह के मार्गदर्शन में शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक/जिला अभियोजन अधिकारी आर के द्वारा की गई। प्रकरण में पैरवी के दौरान अति.जिला अभियोजन अधिकारी लखन सिंह भवेदी एवं सहा. जिला अभियोजन अधिकारी अखिलेश गंगारे का विशेष सहयोग रहा।

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