---Advertisement---
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

सत्येंद्र नाथ बोस कौन थे, गूगल ने क्यों दी इन्‍हें श्रद्धांजलि सम्‍पूर्ण जानकारी….

By
Last updated:
Follow Us

सत्येंद्र नाथ बोस कौन थे, इन्‍होंने कौन से सिद्धांत, गूगल ने क्यों दी इन्‍हें श्रद्धांजलि सम्‍पूर्ण जानकारी……….

सत्येंद्र नाथ बोस का जीवन परिचय (Biography of Satyendra Nath Bose)

सत्येंद्र नाथ बोस

पूरा नामसत्येंद्र नाथ बोस
जन्म तारीख1 जनवरी 1894
जन्म स्थान कोलकाता
पेशावैज्ञानिक
पत्नी का नाम उषाबती बोस
बच्चों के नाम2 बेटे और 5 बेटियां (नाम ज्ञात नहीं)
मृत्यु4 फ़रवरी 1974
माता का नामअमोदिनी रायचौधुरी
पिता का नामसुरेन्द्र नाथ बोस
शिक्षाBSC एवं MSC की डिग्री

सत्येंद्र नाथ बोस कौन थे? (Who Was Satyendra Nath Bose)

सत्येंद्र नाथ बोस

सत्येंद्र नाथ बोस एक भारतीय गणितज्ञ और भौतिक शास्‍त्री थे। जिन्होंने विद्युत चुम्बकीय विकिरण के गैस जैसे गुणों के संबंध में एक सिद्धांत विकसित करने में अल्बर्ट आइंस्टीन के साथ सहयोग के लिए जाने जाते हैं। सत्येंद्र नाथ बोस बंगाली, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन और संस्कृत जैसी भाषाओं के साथ-साथ लॉर्ड टेनीसन, रवींद्रनाथ टैगोर और कालिदास की कविताओं में भी रूचि रखते थे। वह वायलिन की तरह एक भारतीय संगीत वाद्ययंत्र एसराज भी बजा सकता थे।

सत्येंद्र नाथ बोस प्रारंभिक जीवन (Satyendra Nath Bose Early Life) download 4

सत्येंद्र नाथ बोस के पिता सुरेन्द्र नाथ बोस ईस्ट इंडिया रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत थे। सत्येंद्र अपने सात भाइयों-बहनों में सबसे बड़े थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके घर के पास ही एक सामान्य स्कूल में हुई थी। उसके बाद उन्होंने न्यू इंडियन स्कूल और फिर हिंदू स्कूल में दाखिला लिया।

अपनी स्कूली पढाई खत्‍म करने के बाद उन्होंने आगे की पढाई के लिये कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में ऐडमिशन लिया। उनके बारे में एक दिलचस्प बात ये हैं। की वो सभी परीक्षाओं में सबसे अधिक अंक पाते रहें और उन्हें हमेशा प्रथम स्थान मिलता रहा। उनकी इस प्रतिभा को देख लोग अक्सर ये कहते थे की वो आगे जाकर बड़े गणितज्ञ या वैज्ञानिक बनेंगे।

सत्येंद्र नाथ बोस की शादी (marriage of satyendra nath bose)

सन् 1914 में 20 वर्ष की उम्र में सत्येंद्र नाथ बोस ने कलकत्ता के एक प्रमुख चिकित्सक की 11 वर्षीय बेटी उषाबती घोष से शादी की थी। उनके नौ बच्चे थे, जिनमें से दो की बचपन में ही मृत्यु हो गई थी।

सत्येंद्र नाथ बोस कैरियर (Satyendra Nath Bose Career)

सत्येंद्र नाथ बोस

सत्येंद्र नाथ बोस ने सन् 1915 में एम.एस.सी परीक्षा प्रथम श्रेणी आकर उत्तीर्ण की। कॉलेज के प्रिंसिपल आशुतोष मुख़र्जी उनकी पढाई से बारे मे अच्‍छे से जानते थे। इसलिये उन्होंने सत्येंद्र नाथ को फिजिक्स के अध्यापक के पद पर उसी कॉलेज में नियुक्त कर दिया।

उन्होंने सन 1916 से लेकर 1921 तक इस पद पर कार्य किया। और सन् 1921 में नव स्थापित ढाका विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग में के अध्‍यापक के रूप में शामिल हुए। ढाका विश्वविद्यालय में लेक्चर का पद ज्वाइन करने के बाद उन्होंने भौतिकी तथा गणित के क्षेत्र में महत्वूर्ण कार्य किए।

सत्येंद्र नाथ बोस आइन्स्टाइन सांख्यिकी सिद्धांत (Bose-Einstein Statistics in Hindi)

सत्येंद्र नाथ बोस

सत्येंद्र नाथ बोस ने क्वांटम फिजिक्स को एक नई दिशा दी। वैज्ञानिकों के द्वारा यह माना जाता रहा हैं कि परमाणु ही सबसे छोटा कण होता हैं। लेकिन जब इस बात की जानकारी पता चली की परमाणु के अंदर भी कई सूक्ष्म कण होते हैं। जो कि वर्तमान में प्रतिपादित किसी भी नियम का पालन नहीं करते हैं। तब सत्येंद्र नाथ बोस ने एक नए नियम का प्रतिपादन किया जो बोस-आइन्स्टाइन सांख्यिकी सिद्धांत के नाम से जाना जाता हैं।

इस नियम के बाद वैज्ञानिकों ने सूक्ष्म कणों पर बहुत रिसर्च किया। जिसके बाद यह निष्कर्ष निकाला कि परमाणु के अंदर पाए जाने वाले सूक्ष्म परमाणु कण प्रमुखता दो प्रकार के होते हैं। जिनमें से एक का नामकरण डॉ बोस के नाम पर बोसॉन रखा गया तथा दूसरे का एनरिको फर्मी के नाम पर फर्मीऑन रखा गया।

आज भौतिकी में कण दो प्रकार के होते हैं। एक बोसॉन और दूसरे फर्मियान बोसॉन यानि फोटॉन, ग्लुऑन, गेज बोसॉन (फोटोन, प्रकाश की मूल इकाई) और फर्मियान यानि क्वार्क और लेप्टॉन एवं संयोजित कण प्रोटॉन, न्यूट्रॉन, इलेक्ट्रॉन (चार्ज की मूल इकाई) यह वर्तमान भौतिकी का आधार हैं।

सत्येंद्र नाथ बोस को नोबेल पुरस्कार क्यों नहीं मिला (Satyendra Nath Bose Nobel Price)

जिस वैज्ञानिक की मेहनत का लोहा स्वयं आइंस्टीन ने माना हो जिसके साथ स्वयं आइंस्टीन का नाम जुड़ा हो, जिसने सांख्यकी भौतिकी को नए सिरे से परिभाषित किया हो, जिसके नाम का आधार लेकर एक सूक्ष्म कण का नाम ‘बोसॉन’ रखा गया हो, उस व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार न मिलना अपने आप मे कई प्रश्न खड़े करता हैं।

अहिल्‍याबाई होल्‍कर जीवन परिचय जाने क्‍या रहा भारत में इनका योगदान यह भी देखें……..

Google Doodle द्वारा सत्येंद्र नाथ बोस को सम्मान (Google Doodle Honors Satyendra Nath Bose)

सत्येंद्र नाथ बोस

4 जून को गूगल डूडल बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट को चिह्नित करता हैं। इस दिन 1924 में उन्होंने अल्बर्ट आइंस्टीन को अपने क्वांटम फॉर्मूलेशन दिए और आइंस्टीन ने तुरंत बोस के फॉर्मूलेशन को एक प्रमुख क्वांटम यांत्रिकी सफलता के रूप में मान्यता दी।

सत्येंद्र नाथ बोस पुरस्कार और उपलब्धियां (Awards And Achievements)

सत्येंद्र नाथ बोस

भारत सरकार ने इस प्रख्यात भौतिक विज्ञानी को विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में उनकी सेवाओं के लिए 1954 में पद्म विभूषण की उपाधि से सम्मानित किया।

सत्येंद्र नाथ बोस का निधन (Death Of Satyendranath)

सत्येंद्र नाथ बोस

सत्येंद्र नाथ बोस का निधन 4 फरवरी 1974 को 80 वर्ष की आयु में ब्रोन्कियल निमोनिया से कलकत्ता, भारत में हुआ।

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.