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झरोखा : अर्जी वाले यानी पोस्ट ऑफिस घाटवाले हनुमान जी

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पंकज पटेरिया –
मंगलवार को श्री हनुमान जयंती थी और रामदूत अंजनी कुमार महावीर हनुमान जी का प्राकट्य दिवस भी। बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले सात अमर विभूति में एक हनुमान जी महाराज जी भी है।
बहरहाल नर्मदापुरम में पुण्य सलिला नर्मदा जी के तट पर हनुमतलला के अनेक प्रसिद्ध और सिद्ध मंदिर हैं जैसे खेड़ापति हनुमान जी, बेड़ी वाले हनुमान जी (जगदीश मंदिर ) और अन्य अनेक के साथ बेहद प्रसिद्ध सिद्ध हनुमान जी महाराज का मंदिर है, हेड पोस्ट ऑफिस के ठीक पीछे विशाल पीपल के पेड़ के नीचे। इन्हें श्रद्धालु अपनी मानता मनौती के पूरी होते अर्जी वाले हनुमान जी भी कहते हैं। यह बहुत प्राचीन मंदिर है उतना ही पुराना पीपल का यह पेड़ है। करीब १५० बरस से भी ज्यादा।
वैसे इसका कोई लिखित अभिलेख नहीं मिलता। कहते हैं नीचे बहती मां नर्मदा जी पर भोपाल जाने के लिए बसों का कच्चा पुल इसी स्थान पर बनता था। तपती रेत और आग उगलते सूरज से बचने के लिए यात्रीगण ऊपर जाकर पीपल की छाया में विश्राम करते थे। परिक्रमा वासी भी थके हारे यहां पीपल के पेड़ के नीचे जिसे वृक्ष रूप में श्री कृष्ण कहा गया है शरण लेते थे।
मेरे पूज्य अग्रज श्री केशव पटेरिया सर्विस के कारण इसी कच्चे पुल से आवाजाही करते थे। हमारी भारतीय संस्कृति मे वृक्षों को देव कहां गया है। भगवान कृष्ण ने पीपल को अपना वृक्ष रूप कहा है। श्रद्धा आस्था के चलते भी लोग ऊपर आकर उसकी पूजा अर्चना करते थे। तभी एक अद्भुत चमत्कार हुआ कि वृक्ष के दक्षिण मुखी हिस्से मे एक रूपा कृति श्री हनुमान जी की अपने आप शाखाओं से निर्मित हो गई। आस्थावान लोग सिंदूर, छोला आदि अर्पण करने लगे। लोगो के बिगड़े काम बनने सवरने लगे और इसकी प्रसिद्धि चतुर्दिक फैलने लगी।
कुछ वर्षों बाद श्रद्धालुओं ने उसी स्थान पर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कर दी बिना शाखा प्रशाखा को छेड़े और एक छोटी मडिया का निर्माण करवा दिया। अब दूर-दूर से लोग दर्शन करने आने लगे।
नर्मदापुरम में सत्यदीप बिल्डिंग में पहले पहल शुरू हुए दैनिक भास्कर कार्यालय का संपादक ब्यूरो प्रमुख मैं नियुक्त हुआ था। तभी मुझे ज्ञात हुआ मंदिर में आए है कोई परिक्रमावासी सन्यासी। मेरी भानजी डा स्मिता रिछारिया के ससुर रामायणविद कीर्ति शेष आर पी रिछारिया ने मुझे यह जानकारी देते बताया कि वे सिद्ध संत है। उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया है तो वे इस मंदिर में चतुर्मास बिता रहे हैं।
यह जानकारी मिलते ही महान संत के दर्शन करने पहुंच मैंने देखा तब वहां बिजली नहीं थी वे एक दिए की रोशनी में रामायण जी का पाठ किया करते थे। महाराज जी से मैंने विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया यह स्थान बहुत सिद्ध है। यहां उनके गुरु ने भी परिक्रमा करते हुए चतुर्मास किया था। और उन्हीं के आदेश पर वे यहां विश्राम के लिए रुके हैं। तब यह स्थान एक तरह से सुना गहन अंधेरे से घिरा रहता था। ठीक इसके सामने जिला शिक्षा अधिकारी का कार्यालय है। शाम को ही बंद हो जाता था। बस्ती भी दूर थी। नीचे का घाट भी कच्चा था।
इन परिक्रमावासी सन्यासी की जानकारी आसपास पहुंची तो लोगों ने एक खाट की व्यवस्था करवा दी थी और मच्छरदानी भी। कुछ लोगों ने यह भी बताया था नर्मदा हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ राजेश शर्मा ने सन्यासी बाबा का इलाज किया था प्लास्टर आदि चढ़ाया था। बाद में सन्यासी बाबा कहां गए पता नहीं। लेकिन स्वप्रेरणा से लोगों ने खासतौर से डीओ ऑफिस के कर्मचारियों ने और अन्य लोगों ने आपसी सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया।
बताते हैं कीर्ति शेष पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह भी जब सांसद का चुनाव लड़ रहे थे स्वर्गीय मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के विरुद्ध तब सरताज सिंह जी फॉर्म भरने के पहले या माथा टेकने आए थे। विजय श्री के बाद उन्होंने अपनी सांसद निधि से यहां निर्माण में भरपूर सहयोग किया। क्षेत्र के निवासी श्रद्धालुओं ने भी अपने स्तर से यथेष्ट सहयोग मंदिर निर्माण में किया।
पूर्व पार्षद संजय रिछारिया और स्वतंत्र पत्रकार पीयूष मिश्रा यहां जाते हैं। उन्होंने भी अनेक अलौकिक अनुभव मुझे बताएं। लोगों की आस्था विश्वास के कारण बिगड़े काम बनते। कोई बहुत टेढ़ा का राज है तो शनिवार से मंगल अथवा मंगल से शनिवार जहां अर्जी पेश कर नियमित दीपक रख हनुमान चालीसा करने का विधान है बाद में जो चोला चढ़ाकर प्रसाद आदि चढ़ाया जाती है। लोगों के बिगड़े काम बनते। अब स्थान और रमणीक और भव्य हो गया है। पीछे शिव जी का विशाल मंदिर है, माता जी का स्थान है और पूर्व आईपीएस स्वर्गीय एसपी दुबे ने भगवान साईं नाथ महाराज जी की प्रतिमा स्थापित की है। धर्म प्राण जन यहां भंडारे आदि करते रहते हैं। अर्जीवाले हनुमान जी महाराज की मुझे भी अनवरत कृपया प्रसादी मिलती रही और आज भी उन का वरद हस्त मेरे घर परिवार पर है। मीनाक्षी चौक से सीधे कोर्ट वाला मार्ग से या रेलवे स्टेशन बस स्टैंड से सीधे कोठी बाजार हेड पोस्ट
ऑफिस आकर श्री हनुमान जी के दर्शन का लाभ लिया जा सकता है।
नर्मदे हर

pankaj pateriya edited

पंकज पटेरिया
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
9340244352

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