तवानगर में तेंदुए ने किया एडवोकेट के पालतू कुत्ते का शिकार

Post by: Rohit Nage

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  • – वन्य ग्राम होने से जंगली जानवरों को भगाने में असमर्थ विभाग
  • – कई बार वन विभाग के रेस्ट हाउस में भी आ जाता हैं तेंदुआ
  • – गाय, भैंस, बकरी के शिकार पर मिलता मुआवजा, कुत्ते पर नहीं

इटारसी। तवानगर (Tavanagar) में तेंदुए ने एक अधिवक्ता के घर की बाउंड्री कूदकर मादा कुत्ते का शिकार कर लिया है। अधिवक्ता ने एक अन्य पालतू कुत्ते के साथ तेंदुए (Leopard) का पीछा किया तो तेंदुए ने दूसरे कुत्ते को भी पंजा मार दिया और मादा कुत्ते को लेकर जंगल में भाग गया। घटना 14-15 जून की रात करीब सवा तीन बजे की है।

अधिवक्ता ने तेंदुए के आतंक से मुक्ति दिलाने पंचायत को पत्र दिया है। तवानगर निवासी अधिवक्ता भूपेश साहू (Advocate Bhupesh Sahu) ने सरपंच के नाम दिये पत्र में उल्लेख किया है कि उनके रेग्युलर कालोनी (Regular Colony) स्थित आवास से 14 जून की रात 3.15 बजे जालीनुमा बाउंड्री कूदकर एक तेंदुआ भीतर आया और पालतू मादा डॉग जो अपने एक माह के बच्चों के साथ सो रही थी, उसे उठाकर ले गया। शोर सुनकर जब वे बाहर आये तो तेंदुआ डॉग को लेकर भाग रहा था। उन्होंने अपने एक अन्य पालतू कुत्ते के साथ उसका पीछा किया तो तेंदुए ने दूसरे कुत्ते पर भी हमला कर पंजा मार दिया और मादा डॉग को लेकर भाग गया।

श्री साहू ने कहा कि तवानगर में पहले भी कई बार तेंदुए हमला कर कुत्ते और अन्य पालतू जानवरों का शिकार कर चुके हैं, तेंदुए का आंतक बढ़ रहा है। उन्होंने मांग की है कि भविष्य में कभी बच्चों या अन्य नागरिकों पर हमला न कर दे, अत: पिंजरा लगाकर उसे पकड़कर भीतर जंगल में छोड़ा जाए। वन विभाग (Forest Department) के सूत्रों के अनुसार चूंकि तवानगर वन्य ग्राम है, वहां जानवर का आना साधारण बात है, कई बार वन विभाग के रेस्ट हाउस (Rest House) में भी तेंदुआ आदि आ जाते हैं, नियम से उनको वहां पिंजरा लगाकर पकडऩे का प्रावधान नहीं है।

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