इटारसी। भगवान कृष्ण (Lord Krishna) का सम्पूर्ण जीवन संघर्ष से भरा हुआ है। कितने भी कष्ट आए, उनका सामना मुस्कुराते हुए किया और सफल हुए। वे आज भी प्रासंगिक और सम्पूर्ण विश्व के मार्गदर्शक हैं। पृथ्वी पर उनका अवतरण मानवता और सत्य की रक्षा के लिए हुआ था।
ये बात संभागीय उपायुक्त जनजाति कार्य जेपी यादव (JP Yadav) ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भरगदा (Eklavya Model Residential School Bhargada) में आयोजित कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। श्री यादव ने कहा कि मामा कंस ने जन्म से पहले ही कृष्ण को ख़त्म करने की योजना बना ली थी, कई प्रयास किये लेकिन कृष्ण को खत्म नहीं कर पाए, क्योंकि कृष्ण का जन्म ही अन्याय और अत्याचार को मिटाकर सत्य को स्थापित करने के लिए हुआ था। कृष्ण बहु आयामी थे। उन्होंने अनेक क्रीड़ाएं कर सबको मोहित किया। उनकी बांसुरी का जादू पूरे गोकुल (Gokul) और वृंदावन (Vrindavan)में छाया रहता था। हर कोई उनकी बंसी की धुन का दीवाना था। बचपन में माखन चुराकर ये दिखाने की कोशिश की गई की वो भी बच्चे हैं, मित्रों के साथ बाल सुलभ कृष्णाएं भी की।
जंगल में गायें चराई, संदेश था की कोई काम बड़ा छोटा नहीं होता। कृष्ण विश्व के सबसे लोकप्रिय देवता हैं, क्योंकि उन्होंने जिस कर्मयोग का संदेश दिया, पूरी दुनिया को हर युग में उसकी जरूरत है। कृष्ण पवित्र प्रेम के प्रतीक हैं, राधा (Radha) के साथ जो प्रेम था वो अलौकिक था। दोनों ने जिन्दगी भर वियोग सहा लेकिन रिश्ते को बनाये रखा। कृष्ण सहृदय के प्रतीक है। सुदामा को गले लगा कर उन्होंने मित्रता को महत्व बताया। चीर हरण के समय द्रौपदी (Draupadi) की लाज बचाई और इसके लिए कौरवों को दंडित किया।
महाभारत युद्ध के दौरान उन्होंने अर्जुन के गिरते हौसले को उठाया। कृष्ण ने उन्हें भूमि में उनके नैतिक कर्तव्य की याद दिलाया। युद्ध भूमि कृष्ण ने अर्जुन से जो कुछ भी कहा पवित्र ग्रन्थ गीता के रूप में मौजूद है। गीता में कृष्ण के जीवन बदलने वाले उपदेश है। यह पवित्र किताब धर्म से अलग संपूर्ण मानवता पूरा दिखाती है। कृष्ण जन्म के पांच हज़ार से अधिक होने के बावजूद आज भी लगता है की वे इसी युग के हैं। उनका व्यक्तित्व और जीवन हमें हमेशा राह दिखाता रहेगा। वे अजर -अमर है। उनके दिखाएं रास्ते पर जो चलता है वह जीवन में आनंद का अनुभव करता है।
श्री यादव ने इस अवसर पर कृष्ण पर लिखी अपनी कविता ‘वो कृष्ण ही तो हैं’ का वाचन किया और कृष्ण भक्ति के गीत गाये। संस्था की प्राचार्य श्रीमती मीनू नागर ने बच्चों को श्री कृष्ण के जीवन के प्रसंग सुनाते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने की सलाह दी। कार्यक्रम में विद्यालय के बच्चों ने श्री कृष्ण के जीवन और कार्यों से संबंधित आकर्षक प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गईं। प्रारंभ में श्री कृष्ण की मूर्ति पर माल्यार्पण और पूजा की गई। शिक्षक सौरभ शर्मा, अरविन्द सिंह, अनुभव शर्मा, सपना यादव, मधु पाराशर, आदित्य साकरे, इशू ने बच्चों की तैयारी कराई। संचालन सचिन तिवारी, सपना यादव, वैभव गुप्ता ने किया।