इटारसी। आदिवासी ब्लॉक केसला (Tribal Block Kesla) से जुड़े सभी ग्रामों में महुआ चैत्र बहुत जोरों से चल रहा है। आदिवासी इस बात को लेकर काफी खुश दिखाई दे रहे हैं कि लगभग 5 वर्षों में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में महुआ गिरे हैं। आदिवासियों को उम्मीद है कि इस बार आदिवासी विकासखंड केसला के आदिवासी महुआ बेचकर आत्मनिर्भर बनेंगे।
आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर (Tribal Service Committee Tilak Sindoor) के मीडिया प्रभारी (Media Incharge) विनोद वारीवा और अध्यक्ष बलदेव तेकाम ने बताया कि वर्तमान लगभग 40 रुपए किलो महुआ बिक रहा है। पिछले वर्ष के पुराने महुआ 70 से 80 रुपए के बीच अभी तक खरीदी हुई थी। आदिवासी लोग फलदार वृक्ष महुआ, तेंदू के पत्ते एवं गुल्ली जिससे तेल उपयोग होता है एवं अचार-भेड़ा, विल्मा आदि का अधिकतम प्रयोग करते हैं। इस समय आदिवासी पूरी दोपहर जंगल में गुजारते हैं। अपने पसीने और मेहनत करके कमाते खाते हैं, अपने परिवार का पालन-पोषण जंगल के फलदार वृक्षों से किया जाता है।
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सतपुड़ा की वादियों में महुआ लेकर आया आदिवासियों के चेहरे पर मुस्कान


Rohit Nage
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