जानें नवंबर-दिसंबर में कब बजेगी शहनाई
इटारसी। इस वर्ष विवाह के इच्छुक जोड़ों और उनके परिवारों को देवउठनी एकादशी के बाद भी शुभ मुहूर्तों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। आमतौर पर देवउठनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, लेकिन इस बार ग्रहों की चाल और ज्योतिषीय दोषों के कारण एकादशी पर भी वैवाहिक कार्यक्रम नहीं हो सके। ज्योतिषविदों के अनुसार, मांगलिक कार्यों का यह अंतराल जल्द ही समाप्त होने वाला है। विवाह के शुभ मुहूर्त 16 नवंबर के बाद शुरू होंगे, जबकि पहला शुभ विवाह 21 नवंबर को होगा।
एकादशी पर विवाह न होने के दो प्रमुख कारण
देवउठनी एकादशी (देवोत्थान एकादशी) से चातुर्मास की समाप्ति हो जाती है, जिसके बाद मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। लेकिन इस बार दो प्रमुख ज्योतिषीय कारणों से विवाह संपन्न नहीं हो सके।
तुला संक्रांति दोष (सूर्य की चाल)
16 नवंबर तक सूर्य तुला राशि में हैं। ज्योतिष शास्त्र में, जब सूर्य तुला राशि में गोचर करते हैं, तो इसे कमजोर स्थिति माना जाता है।
इस अवधि को तुला संक्रांति दोष कहा जाता है, जिसके कारण विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को अशुभ माना जाता है।
चातुर्मास की समाप्ति
देवउठनी एकादशी पर भले ही चातुर्मास समाप्त हो गया था, लेकिन सूर्य के राशि परिवर्तन का इंतजार करना आवश्यक था।
समाधान : वैवाहिक मुहूर्त अब 16 नवंबर को सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने के बाद ही बनेंगे। इसके बाद, शुभ दिनों को देखकर विवाह की तैयारियां शुरू की जा सकेंगी।
नवंबर और दिसंबर 2025 के शुभ विवाह मुहूर्त
ज्योतिष पंचांग के अनुसार, सूर्य के वृश्चिक राशि में आने के बाद नवंबर और दिसंबर माह में विवाह के लिए कई उत्तम और शुभ तिथियां उपलब्ध हैं।
- नवंबर 2025 – 21, 22, 23, 24, 25, 26, 30
- दिसंबर 2025 – 1, 4, 5, 6 7
बाजार में रौनक शुरू, बुकिंग फुल
शुभ मुहूर्तों की घोषणा होते ही स्थानीय बाजारों में रौनक लौट आई है। वेडिंग प्लानर्स, हलवाई, टेंट व्यवसायी और मैरिज गार्डन संचालकों की बुकिंग बढ़ गई है। एकादशी पर काम शुरू न होने से थोड़ी निराशा थी, लेकिन अब नवंबर 21 से 26 के बीच लगातार मुहूर्त होने से पूरा बाजार व्यस्त हो गया है। इन मुख्य तिथियों पर बुकिंग लगभग पूरी तरह से भर चुकी है। इन तिथियों पर विवाह के लिए बैंड-बाजे और मैरिज हॉल की बुकिंग शुरू हो चुकी है, जिसके कारण इन दिनों डिमांड काफी बढ़ गई है।








