इटारसी। निजी स्कूल (Private School) की समस्याओं को नित नये आदेश देकर राज्य शिक्षा केंद्र (State Education Centre) बढ़ाने के निरंतर प्रयास जारी रखता है। उसी श्रेणी में नये फरमान में मप्र बोर्ड स्कूलों की अर्धवार्षिक परीक्षाओं के संदर्भ में मात्र 12 दिनों के अंतराल में शासकीय स्कूलों की प्रिटिंग न होने का हवाला देते हुये दूसरी बार परिवर्तन कर निजी स्कूलों की व्यवस्था को चौपट करने का प्रयास किया है।
इस आदेश का विरोध करते हुये सोपास इटारसी ब्लॉक (Sopas Itarsi Block) के निजी स्कूल संचालकों का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं नर्मदापुरम इटारसी विधायक डॉ सीतासरन शर्मा (Dr. Sitasaran Sharma) को ज्ञापन देने पहुंचा जिसे पढऩे के बाद उसे समझते हुए उन्होंने इसे पूर्ण अव्यावहारिक बताया और तुरंत राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक धनराजु एस (Dhanaraju S) को फोन लगाया और उनसे बात की कि क्यों अक्टूबर की बजाय इसे हिंदुओं के महत्वपूर्ण त्योहार दीपावली (Deepawali) की छुट्टी के दौरान कर दिया। निजी स्कूल आपके पूर्व आदेशानुसार तैयारी, प्रिटिंग करा लेते हैं। बार-बार परिवर्तन से न सिर्फ बच्चे बल्कि पालक व स्कूल प्रबंधन भी परेशान होते हैं। अक्टूबर में होने वाली परीक्षा का आदेश स्थगित कर नवंबर के नये आदेश से निजी स्कूल की पढ़ाई बार-बार प्रभावित होती है। अत: निजी विद्यालयों को उनके अनुरूप परीक्षा की अनुमति प्रदान की जाये।
इस वार्तालाप के प्रतिउत्तर में धनराजु एस ने निजी स्कूलों की अर्धवार्षिक परीक्षाओं के संदर्भ में शीघ्र नया आदेश पारित करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर सोपास प्रदेश मीडिया प्रभारी शिव भारद्वाज (Shiv Bhardwaj) व जिला प्रवक्ता आलोक गिरोटिया (Alok Girotiya) ने बताया कि शासन के सभी निर्देशों का निजी स्कूल पालन करते हैं किंतु 5 वी व 8 वी को लेकर बार-बार निर्देशों में फेरबदल किया जाता है जिससे व्यवस्थित निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है।
जिला कार्यकारणी सदस्य जाफर सिद्दीकी व ब्लॉक अध्यक्ष नीलेश जैन ने बताया कि कुछ निजी स्कूल शिफ्ट में लगते हैं अत: अर्धवार्षिक परीक्षाओं के परिणाम शासन जमा करे पर परीक्षायें अपनी तिथि व समय सारणी के अनुरूप लेने के निर्देश जारी करें। इस अवसर पर लोकेन्द्र साहू, प्रशांत चौबे, घनश्याम शर्मा, अभिषेक तिवारी, नटवर पटैल, प्रदीप जैन, मनोज पटैल व अन्य सभी मप्र बोर्ड निजी संचालकों ने इस बार-बार की अव्यवस्था का विरोध किया।