इटारसी। रेस्ट हाउस की जमीन की नीलामी मामले में याचिकाकर्ता मुकेश गांधी ने उप पंजीयक कार्यालय इटारसी पहुंचकर रेस्ट हाउस की संपत्ति की रजिस्ट्री पर के पंजीयन पर रोक लगाने हेतु उपपंजीयक संजय चोखे के समक्ष आवेदन दिया है। आपत्ति दर्ज कराने के बाद श्री गांधी ने कहा कि ’थर्ड पार्टी इंटरेस्ट क्रिएट करने के षड़यंत्र से बचाव के लिए उन्होंने उप पंजीयक कार्यालय इटारसी में दर्ज कराई है’ जिसकी 500 रुपए की विधिवत रसीद भी प्राप्त कर ली है। रेस्ट हाउस की जमीन की रजिस्ट्री पर आपत्ति की प्रति आईजी स्टांप भोपाल एवं जिला पंजीयक होशंगाबाद को भी प्रेषित की है।
उल्लेखनीय है कि करोड़ों की संपत्ति कौड़ियों के दाम बेचे जाने संबंधी जनहित याचिका उच्च न्यायालय जबलपुर में मुख्य न्यायाधीश महोदय की बेंच में लंबित है। इसी दौरान क्रेता कंपनी एमपी आरडीसी के अधिकारियों से राजनीतिक दबाव में मिलजुल कर संपत्ति की नपाई एवं अब गुपचुप तरीके से रजिस्ट्री करने की फिराक में है, जिसके मद्देनजर उक्त आपत्ति प्रस्तुत की गई है। मुकेश गांधी, पंकज राठौर, मोहन झलिया, ज्ञानेंद्र उपाध्याय, कैलाश नवलानी एवं प्रज्ञान साहू की ओर से रेस्ट हाउस की जमीन के संबंध में जनहित याचिका प्रस्तुत की गई है, जिस पर अभी सुनवाई होना शेष है। जबकि नीलामी में भाग लेने वाली एक मात्र कंपनी त्रिपुर द्वारा मामले में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा रखना चाहा है। एमपीआरडीसी का पक्ष आना शेष है। पूरा शहर रेस्ट हाउस नीलामी के मामले में न्यायालय की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है। उधर याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ऐश्वर्य पार्थ साहू ने कहा कि रेस्ट हाउस का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन होकर सबजूडिस है तथा आरटीआई में हुए खुलासे अनुसार नीलामी प्रक्रिया लंबित है, इसलिए किया गया संव्यवहार गैरकानूनी होगा।