भगवान को पाने का एकमात्र साधन निर्मल भक्ति

Post by: Aakash Katare

शिवमहापुराण कथा में गणेश कार्तिकेय का जन्मोत्सव मनाया

इटारसी। भगवान को पाने का एकमात्र साधन निर्मल भक्ति है। मनुष्य को बिना स्वार्थ के भगवान के भक्ति करना चाहिए। स्वार्थवश की गई भक्ति सार्थक नहीं होती। भगवान शंकर माता पार्वती श्रद्धा और विश्वास के प्रतीक हैं।

मनुष्य को पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान की भक्ति करना चाहिए। उक्त उद्गार वृंदावन गार्डन में आयोजित संगीतमय श्री शिव महापुराण कथा के चौथे दिन पंडित अनिल मिश्रा ने व्यक्त किये।

कथा के चतुर्थ दिवस पर भगवान श्री गणेश, श्री कार्तिकेय जन्म की कथा एवं आकर्षक झांकी सजाई गयी। कथाव्यास पंडित मिश्रा ने श्री गणेश के रिद्धि सिद्धि संग विवाह की कथा, तारकासुर वध की कथा भी श्रोताओं को सुनायी।

आयोजक जसवीर सिंह छाबड़ा, जगदीश मालवीय, शरद गुप्ता, अशोक खंडेलवाल, मनोज सोनी, अंशुल अग्रवाल एवं नितिन व्यास परिवार सहित उपस्थित थे। आयोजकों ने अधिक से अधिक संख्या में जनमानस को कथा श्रवण करने हेतु निवेदन किया है।

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