भोपाल। संस्कृति मंत्रालय भारत के सरकार सहयोग से ‘रंग अविराम 5Ó अविराम जनकल्याण संस्था के तीन दिवसीय नाट्य समारोह की आखरी शाम शहीद भवन में जयशंकर प्रसाद के कालजयी नाटक ध्रुवस्वामिनी का मंचन हुआ नाटक का निर्देशन भोपाल के वरिष्ठ रंगकर्मी सुनील राज ने किया ।
ध्रुवस्वामिनी हिन्दी रंगमंच के एक सौ बीस वर्षों से ज्यादा के इतिहास के पूर्वाद्र्ध का सर्वाधिक चर्चित, मंचित और प्रतिनिधि रंग-नाटक है, जो बार-बार रंगकर्मियों को नई-नई अभिनयशैली की खोज के लिए प्रेरित करता है। नाटक में भी ध्रुवस्वामिनी जब राजा द्वारा खुद को दूसरे राजा के साथ युद्ध संधि के लिए जाने से इंकार करती है तो राजा-पुरुष इसे स्वीकार नहीं कर पाता और उसे जबरन भेज देता और और जब वो राज्य की और अपनीं रक्षा कर अपने अधिकारों के लिए खड़ी होती है तो धर्म भी उसका साथ देता है, और राज्य के साथ वो अपने प्रेम को चुनती है।
सैकड़ों साल पहले लिखे इस नाटक में स्त्री की स्वतंत्रता की आवाज को पुरज़ोर तरीके से लेखक जयशंकर प्रसाद ने उठाया है। नाटक की नायिका ध्रुवस्वामिनी का चरित्र आरती विश्वकर्मा अपने किरदार को इतनी संजीदगी और सच्चाई से प्रस्तुत करती हैं, लगता है जैसे ये हर युग की स्त्री की कहानी गई। कुमार चन्द्रगुप्त की भूमिका में विभाशू खरे सहज और सौम्य लगते हैं, वहीं राजा रामगुप्त की भूमिका में रोहित पटेल किरदार में जान डाल देते हैं और ओशीन श्रीवास्तव कोमा को पूरा न्याय देती हैं। शकराज के रूप में गणेश, खिंगिल के रूप में मोहित मित्रा, राजपुरोहित के रूप में संतोष पंडित अपने अभिनय का दबदबा बनाकर रखते हैं ।
मंच पर संगीत निर्देशन आशीष साहू और संचालन पीयूष सैनी ने किया। प्रकाश परिकल्पना और संचालन मुकेश जिज्ञासी का था। निर्देशक सुनील राज ने यर्थाथवादी अभिनय का प्रयोग कर एक पारंपरिक नाटय शैली के नाटक को दर्शकों के लिए सहज बनाने का प्रयास किया है। नाटक से पहले वरिष्ठ रंगकर्मी, टीकम जोशी, नजीर कुरैशी और रामचन्द्र सिंह को बेस्ट ब्रिगेड एजुकेशन सोशल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक मोहम्मद शहाब उर्फ कैफ मोहम्मद ने दुष्यंत कुमार सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया।