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पश्चिमी देशों में दिखने जा रहे पूर्ण सूर्यग्रहण का विज्ञान समझाया सारिका ने

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इटारसी। कल सोमवार 8 अप्रैल को जब भारत में सूर्यास्त हो चुका होगा, तब पश्चिमी देशों में उदित होकर सूर्य पूर्ण सूर्यग्रहण के रूप ग्रहण मार्ग के शहरों को लगभग चाढ़े चार मिनट तक घने अंधेरे में बदल देगा। नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के निकट रहकर बीच एवं एक सीध में आ जाने से पृथ्वी के एक निश्चित भूभाग पर पूर्ण सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना दिखने जा रही है।

सारिका ने बताया कि यह ग्रहण मैक्सिको में सिनालोओ से काहुइला संयुक्त राज्य अमेरिका में टेक्सास से मेन तक और कनाडा में ओंटारियो से न्यूफाउलैंड तक होकर निकलेगा। आंशिक ग्रहण पूरे उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के कुछ हिस्सों में दिखेगा। सारिका ने बताया कि भारतीय समय के अनुसार यह देर शाम 9 बजकर 12 मिनट 15 सैकंड से आरंभ होकर रात्रि 2 बजकर 22 मिनट 19 सैकंड तक चलेगा। अधिकतम ग्रहण रात्रि 11 बजकर 47 मिनट 21 सैकंड पर होगी।

चूंकि इस समय सूर्यास्त होने के बाद रात्रि आरंभ हो चुकी होगी इसलिये यह भारत में दिखाई नहीं देगा। अगर आप भारत में सूर्यग्रहण देखना चाहते हैं तो 2 अगस्त 2027 का इंतजार करना होगा जबकि आप आंशिक सूर्यग्रहण देख पायेंगे।

ग्रहण के बारे में कुछ खास बातें –

  • – एक गणना के अनुसार इस ग्रहण का कुछ न कुछ भाग विश्व की आबादी का लगभग 8.19 प्रतिशत लोग देख पायेंगे तो पूर्णग्रहण को लगभग 0.55 प्रतिशत आबादी देखने की स्थिति में होगी।
  • – एक साल में दो से लेकर पांच तक सूर्यग्रहण हो सकते हैं।
  • – पूर्ण सूर्य ग्रहण लगभग हर 18 महीने बाद हो सकता है।
  • – किसी एक शहर या गांव में पूर्णसूर्यग्रहण होने के बाद दोबारा उसी शहर या ग्राम में दिखने की संभावना लगभग 375 साल बाद आती है।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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