- माटी गणेश हमारी नदियों की पवित्रता को बनाये रखने में करेंगे मदद
- माटी गणेश जी को विराजकर निभायें जलसंरक्षण की जिम्मेदारी
- माटी गणेश नहीं सिर्फ नारा, पर्यावरण बचाने जुड़ा संदेश इसमें सारा
इटारसी। भारतीय पूजा पद्धति (Indian worship system) में प्राकृतिक वस्तुओं की पूजन के बाद विसर्जित करने की परम्परा है। प्राचीनकाल से ही मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजा करने और उनको विसर्जित किया जाता रहा है। वर्तमान में जहरीले रसायन एवं अघुलनशील पदार्थों से प्रतिमायें बनाना आरंभ हुआ है, जो कि जल पर्यावरण के लिये नुकसानदायक है।
इसे देखते हुये मध्यप्रदेश शासन (Madhya Pradesh government) एवं एप्को (APCO) के द्वारा चलाये जा रहे अभियान के अंतर्गत आगामी गणेशोत्सव (Ganeshotsav) में मिट्टी की मूर्ति को अपनाने नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (Sarika Gharu) ने स्कूली विद्यार्थियों को प्रकृति की रक्षा के लिए मिट्टी की ही प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण देते हुये गीत के माध्यम से मिट्टी की पर्यावरण मित्रता का संदेश दिया।
इसमें प्लास्टर ऑफ पेरिस (Plaster of Paris) की जल में लंबे समय तक अघुलनशीलता तथा जहरीले रंगों के जलीय जीवों पर होने वाले नुकसान को भी बताया। सारिका (Sarika) ने कहा कि इसे सिर्फ एक नारे के रूप में न लें बल्कि इसे अपनाकर ईश्वर के बनाये प्रकृति और पर्यावरण को बचाने में अपना व्यक्तिगत योगदान दें।