बहन ने ओलिंपिक में गोल्ड मांगा था, आज नहीं फिर कभी दूंगा अवश्य : विवेक सागर प्रसाद

Post by: Rohit Nage

इटारसी। भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team, Spain) ने आज स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पद पर लगातार दूसरे ओलिंपिक (Olympics) में कब्जा किया। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के विवेक सागर प्रसाद (Vivek Sagar Prasad) भी भारतीय टीम का हिस्सा रहे। जीत की खुशी तो है, लेकिन मैडल का रंग नहीं बदल सके, थोड़ा मलाल भी है।
घर से निकले थे तो इस रक्षा बंधन पर बहन पूजा (Pooja) ने गोल्ड मैडल (Gold Medal) मांगा था, टीम अच्छा खेली, सबने जान लगा दी, लेकिन हम कांस्य ही जीत सके। लेकिन, बहन को गोल्ड मैडल आज नहीं तो कल अवश्य दूंगा। ये कहना है, विवेक सागर प्रसाद का। उन्होंने नर्मदांचल डॉट कॉम (Narmadanchal.com) से पेरिस से बात करते हुए कहा कि गोल्ड के हिसाब से हमारी तैयारी थी, खेले भी, कुछ कमी रही लेकिन इस बात का संतोष और खुशी है कि हम खाली हाथ नहीं लौट रहे हैं।

देश और श्रीजेश के लिए खेले

विवेक सागर प्रसाद ने कहा कि आज जब मैदान में उतरे तो मन में देश के लिए खेलना तो हमेशा की तरह ही रहा, लेकिन एक व्यक्ति जिसने अपना दो दशक से अधिक समय हॉकी के लिए समर्पित कर दिया, गोलकीपर श्रीजेश (Goalkeeper Sreejesh) को उनके अंतिम मैच में जीत से विदाई करना भी मन में था। सभी ने डिसाइड किया था कि इस बंदे के लिए भी जी जान लगा देंगे और अंतिम सीटी बजने और जीत हासिल होने तक जान लड़ा देंगे। सभी ने किया भी वही।

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