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स्मृति शेष: सांसे जरा धीरे चलो…नगीना

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झरोखा : पंकज पटेरिया- जन जन के लोकप्रिय गीतकार भाई मगन लाल नगीना दुनिया को विदा कर गए, वे आज हमारे बीच नहीं हैं। दुनिया तो फानी है। आना जाना जारी है, आज किसी की कल किसी की बारी है। यह निसंदेह सच है कि उनका जाना यहां के साहित्य जगत को एक भीगी याद दे गया। उनकी मौजूदगी से चाहे सरगम की गोष्ठी हो अथवा कही जी उठती थी, उनके मधुर मंदिर गीतो से इत्र महक उठती थी। बहुत बाते यादें पास आकर बैठ गई है।
कई बरस पहले रेल्वे स्टेशन से मां नर्मदा के जग प्रसिद्ध घाट जाते हुए सराफा चौक से नीचे उतरते ठीक दाएं हाथ पर मिठाई
नमकीन की बहुत मशहूर छोटी सी लेकिन बहुत लोकप्रिय होटल थी, जिसके मालिक थे कवि गीतकार नगीना जी। जहां जमा हो जाते अपनी अपनी ताजी बासी कविताएं एक दूसरे को सुनाने को। मजा यह कि उधारी की सुविधा थी, खाया पिया रवानगी डाली। एक कापी पेन खुद अपने हाथ से उधारी लिखी तो लिखी वरना भूल तो भूल गए। नागीना जी दरिया दिल कभी लेखा जोखा नही रखते थे। किसके पैसे आए, किसके नही आए।

स्वयं कवि थे, लिहाजा एक श्याम पट उन्होंने दुकान पर टांग रखा था, जिसके बीचों बीच बड़े अक्षर में शीर्षक लिखा था,आज की कविता इसके तहत रोज नगर के कवि अपनी ताजा कविता लिख दिया करते थे। उन दिनों यह कविता पोस्टर बेहद चर्चित हुआ था। कवि मित्रो में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा अपनी नई कविता उस पोस्टर पर लिखने की रहती थी। इसका एक सुखद परिणाम यह भी अनुभव मे आया नगर में सृजनात्मक गतिविधियो में इजाफा हुआ, लिखना पढ़ना, बढ़ा। बहरहाल नगीना की दुकान जब तक रही, यह कविता पोस्टर सुर्खिया बटोरता। एक फीचर भी इस कविता पोस्टर पर मुझे अखबार में लिखने का सौभाग्य मिला था, जिसे बहुत सराहा गया था। अन्य शहरों मे भी कवि मित्रो ने इस तरह की शुरुआत की थी। कवि गीतकार नगीना जी के गीत लोगो की होठों पर आज भी थिरकते है। अनेक संस्थाओं ने उनका सम्मान किया। संध्याकाल में अनेक मित्र उनकी कुशलक्षेम लेने जाते रहते थे। उनकी याद भी एक इबादत की तरह महसूस होती है। राहत इंदौरी एक शेर यहां मोजु लगता है।
उसकी याद आई सांसे जरा धीरे चलो,
धडकनों से भी, इबादत में खलल पड़ता है।
शरीर वृद्ध होता, मरण होता,लेकिन कविता कालजई होती है। लिहाजा, नगीना जी के गीत गजलो के नगीने सदा दमकते रहेंगे। स्मृति नमन।

pankaj pateriya

पंकज पटेरिया
वरिष्ठ पत्रकार साहित्य कार
ज्योतिष सलाहकार
9340244352
9407505691

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