जीवन शैली में बदलाव लाकर तनाव को कम किया जा सकता है

Post by: Rohit Nage

इटारसी। संभागीय उपायुक्त जनजाति कार्य विभाग जेपी यादव (JP Yadav) ने कन्या शिक्षा परिसर पवारखेड़ा (Pawarkheda) में आयोजित नवनियुक्त शिक्षकों के पांच दिवसीय परिचयात्मक प्रशिक्षण के द्वितीय बैच के समापन अवसर पर तनाव प्रबंधन विषय पर चर्चा की।

श्री यादव ने पीपीटी प्रेजेंटेशन (ppt presentation) के माध्यम से तनाव की उत्पत्ति, उसके कारण, तनाव से जीवन पर पढऩे वाले नकारात्मक प्रभाव के और उसके निदान के तरीके बताये। उन्होंने कहा की अनियमित दिनचर्या, अव्यवस्थित जीवन, दूसरों से बेमानी तुलनायें, आय से अधिक खर्चे, दूसरों से ईष्र्याएं, बीमारियां, रिश्तों में सामंजस्य का अभाव, अकेलापन, असफलतायें, बीते समय की यादें आदि तनाव के प्रमुख कारणों में शामिल हंै। तनाव के कारण नींद न आना, नकारात्मक विचार, चिड़चिड़ापन, अवसाद और पारिवारिक, वैवाहिक जीवन में ंदिक्कतें जैसी व्याधियां उत्पाद के रूप में सामने आते हैं। तनाव जीवन से कभी पूरी तरह खत्म नहीं हो सकता, केवल इसको कम किया जा सकता हैै।

श्री यादव ने कहा कि दिनचर्या को व्यवस्थित करें ताकि कामों को करने में समय की कमी महसूस न हो। श्री यादव ने कहा कि हर व्यक्ति की क्षमता और परिस्थितियां भिन्न-भिन्न होती है, इसलिए जब हम अपनी, अपने बच्चों की या आर के अन्य व्यक्ति की तुलनायें करने दूसरों से करने लगते हैं, तो हम तनाव को आमंत्रित करते हैं। इसलिए दूसरों से तुलना करना छोड़ देना चाहिए। आर्थिक समस्याएं भी तनाव का कारण होती है, कई बार सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा में खर्चे, आय से अधिक हो जाते है,और कज़ऱ् लेकर क़र्ज़ऱ्दार हो जाते है, क़र्ज़ का बोझ हमे चैन से रहने नहीं देता है। इसलिए इच्छायें और आवश्यकताओं को सीमित कर तनाव के प्रभाव से बच सकते हैं।

संगीत तनाव प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण साधन है। संगीत एक मैडिटेशन है, जो आपको एक सुखद दुनिया का अहसास कराता है, इसलिए गीत सुनें, गीत गायें और हो सके तो कोई इंस्ट्रूमेंट बजायें। संभागीय उपायुक्त ने कहा की सभी लोगों मे कोई न कोई क्रिएटिविटी होती है, उसको विकसित करें। अच्छी किताबें पढ़ें और अपने विचारों को कागज़ पर उतार साहित्य के रूप मे आकार देने की कोशिश करें। लोगों की बातों की बजाय अपने दिल की सुनें और करें।

इस अवसर पर संभागीय उपायुक्त ने प्रशिक्षण से संबंधित परीक्षा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों आशीष कुमार चतुर्वेदी प्रथम, रामसिंह परमार द्वितीय तथा भावना शुक्ला तथा ललित कुमार नागवंशी संयुक्त रूप से तृतीय स्थान को सम्मानित किया। प्रशिक्षण मे सम्मिलित होने वाले सभी शिक्षकों को सहभागिता प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।

Leave a Comment

error: Content is protected !!