इटारसी। आरपीएफ के बैरक में जवान के हाथों गन सफाई करते वक्त गोली चलने के प्रकरण में पुलिस ने जांच प्रारंभ कर दी है। घटना रविवार की थी जिसमें आरपीएसएफ (rpsf) के चार जवान छर्रे लगने से बुरी तरह से घायल हो गये थे। घटना में जख्मी आरक्षक टिंकू, सुमित, जगमोहन और राजीव की हालत में अब सुधार है। चारों का इलाज नर्मदा अस्पताल में चल रहा है।
आज जिला पुलिस बल के इटारसी थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक जितेन्द्र वैष्णव (Sub Inspector Jitendra Vaishnav) ने वारदात स्थल का निरीक्षण किया है। घटना स्थल जिला पुलिस बल के क्षेत्र का होने के कारण इटारसी पुलिस जांच कर रही है। सूत्र बताते हैं कि मामले की जांच के लिए सिटी पुलिस ने एफएसएल टीम को घटनास्थल पर बुलाया। टीम ने कमरे की दीवार में मिले निशानों के अलावा अंदर मिले छर्रे, खाली कारतूस समेत अन्य नमूने जुटाए हैं।
विभागीय जांच भी शुरु
मामले की विभागीय जांच भी प्रारंभ हो गयी है। प्राथमिक जांच में आरक्षक सुमित कुमार राणा की गलती सामने आई है, जिसने आयुध मानकों का पालन न करके मैग्जीन हटाए बिना कार्बाइन की सफाई करने का प्रयास किया। इस लापरवाही से न सिर्फ सुमित बल्कि तीन अन्य जवानों की जान खतरे में पड़ गई। इस मामले में आरपीएफ के कमांडेट व्ही रामकृष्णा का कहना है कि हथियार सफाई के लिए मैग्जीन हटाई जाती है, जबकि सुमित ने इसे हटाए बिना साफ करने का प्रयास किया, जिससे गन का ट्रिगर दब गया। रात में कमांडेट ने घटनास्थल का जायजा लिया था। उन्होंने बताया कि अंदर कमरे की दीवार में गोली के निशान मिले हैं, वहीं छर्रे भी मिले हैं। 4 राउंड फायर में गोली जमीन से होकर दीवार से टकराई, उसके छर्रे जवानों को लगे।
इनका कहना है...
आरपीएफ बैरक में हुई गोली चलने की घटना की प्राथमिक जांच में आरक्षक सुमित की चूक सामने आई है। उसने आयुध मानकों का पालन न करके बिना मैग्जीन हटाए जांच की। इस दौरान ट्रिगर दब गया। हालांकि अभी घायल जवानों के बयान होना है। जांच के दौरान अन्य तथ्य भी सामने आएंगे, जिसके तहत कार्रवाई होगी।
व्ही रामाकृष्णा, कमांडेंट आरपीएफ (V Ramakrishna, Commandant RPF)