वन अधिकारियों के इंतजार की इंतेहां, कहीं देर न हो जाए

Post by: Rohit Nage

  • तिलक सिंदूर में प्रसाद आदि की दुकान लगाने वालों को सता रही है चिंता
  • अतिक्रमणकारी बताकर हटाया था, डीएफओ से मिला था आने का आश्वासन
  • अब तक न अधिकारी आए, ना ही इनके लिए विभाग ने कोई बैठक की

इटारसी। तिलक सिंदूर में प्रसाद आदि के दुकानदार वन विभाग के आधिकारियों का इंतजार कर रहे हैं। डीएफओ ने उनको आश्वस्त किया था कि एक दिन विभाग के अधिकारी तिलकसिंदूर आएंगे और उनकी दुकान की समस्या का उचित निराकरण करेंगे। सावन मास नजदीक होने के कारण इन दुकानदारों को अब चिंता सताने लगी है। अस्थायी तौर पर वे वहां बैठे हैं, लेकिन बारिश के दौरान परेशानी हो रही है। अस्थायी छत या कोई ऐसा स्थान मिल जाए जहां वे प्रसाद आदि बेचकर अपने परिवार की गुजर-बसर कर सकें, इस उम्मीद में वन अधिकारियों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

इन दुकानदारों को वन विभाग के अधिकारियों और कलेक्टर से मिले एक पखवाड़ा से अधिक समय बीत गया है, लेकिन अब तक विभाग ने इनको दिये आश्वासन पर कोई सुध नहीं ली। स्थानीय अधिकारियों को भी ऐसा कोई पत्र या चर्चा नहीं की। मुलाकात के दौरान इनको आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार से बैठक नहीं हुई है। दुकानदारों का वन विभाग अधिकारियों से निवेदन है कि जल्द ही बैठक रखकर उनकी समस्या का निराकरण करें।

अतिक्रमणकारी बताकर हटाया था

तिलक सिंदूर मंदिर में पूजा-अर्चना करने आने वाले भक्तों के लिए पूजन सामग्री की दुकान लगाने वालों को वन विभाग ने अतिक्रमणकारी बताकर हटा दिया है। उनके अस्थायी डेरों को तोड़ दिया जिससे ये गरीब दुकानदार अपना धंधा नहीं कर पा रहे हैं। कुछ दिनों बाद श्रावण मास लगने वाला है, जब इनका कामकाज ठीक चलता है, ऐसे में अपनी चिंता से आला वन अधिकारियों को अवगत कराने इन दुकानदारों ने डीएफओ से मुलाकात की थी। इन लोगों ने कलेक्टर को भी अपनी पीड़ा सुनाई। दोनों अधिकारियों से उनको सकारात्मक सहयोग का आश्वासन मिला था। लेकिन, अब तक न बैठक हुई और ना ही कोई अधिकारी यहां देखने आए, जिससे इनकी चिंता बढ़ती जा रही है।

भक्त आते हैं पूजा करने

उल्लेखनीय है कि तिलक सिंदूर का मंदिर जंगल में बना है और यहां लगभग हर रोज भक्त पहुंचते हैं। रविवार, सोमवार और शिव के त्योहार महाशिवरात्रि, श्रावण मास में यहां बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। उन भक्तों को पूजन-सामग्री उपलब्ध कराने अस्थायी तौर पर लकड़ी, तिरपाल आदि से कुछ गरीबों ने दुकानें लगा ली थीं, जिन्हें वन विभाग ने अतिक्रमणकारी बताकर हटा दिया है। अब इनके सामने परिवार चलाने का संकट आ गया है। ये सभी दुकानदार पिछले माह डीएफओ मयंक सिंह गुर्जर से मिलने पहुंचे थे जहां उन्होंने अपनी बात रखी। डीएफओ ने आश्वासन दिया था कि एक सप्ताह के अंदर एक बैठक तिलक सिंदूर में की जाएगी, किसी भी दुकानदारों को वहां से भगाया नहीं जायेगा। लेकिन आज तक कोई बैठक नहीं हुई।

इनका कहना है…

हमारे पास अभी तक ऐसा कोई पत्र भी नहीं आया है और ना ही ऐसी कोई चर्चा हुई है। हमें नहीं पता कि उनको क्या आश्वासन मिला है।

महेन्द्र कुमार गौर, प्रभारी रेंजर

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