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वीर बाल दिवस का ये दिन हमें शौर्य की पराकाष्ठा की याद दिलाता है

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  • – गुरुनानक पब्लिक स्कूल में गुरु गोविंद सिंह के दो बेटों की शहादत को किया याद
  • – स्कूल से रैली निकालकर गुरुद्वारा पहुंचे बच्चे और सिख समाज के नागरिक
  • – जयस्तंभ पर गुरु गोविंद सिंह जी के दो बेटों की शहादत की लगाई प्रदर्शनी

इटारसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरु गोविंद सिंह (Guru Gobind Singh) के दो बेटों की शहादत की याद में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था। आज वीर बाल दिवस (Veer Bal Diwas) पर सरकार के स्तर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। मुख्य कार्यक्रम गुरुनानक पब्लिक स्कूल (Guru Nanak Public School) में आयोजित हुआ। इसके बाद स्कूल से रैली गुरुद्वारा (Gurudwara) तक पहुंची। जयस्तंभ चौक (Jaistambh Chowk) पर साहबजादों की शौर्यगाथा सभी बताने के लिए पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई।

इटारसी (Itarsi) के गुरुनानक पब्लिक हायर सैकेंड्री स्कूल परिसर में हुए कार्यक्रम में भाजपा संभागीय प्रभारी नर्मदापुरम पंकज जोशी (Pankaj Joshi), जिला महामंत्री मुकेश चंद्र मैना (Mukesh Chandra Maina), संभागीय कार्यालय प्रभारी हंस राय (Hans Rai), पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिला अध्यक्ष जयकिशोर चौधरी (Jaikishore Chaudhary), सिख समाज के अध्यक्ष जसबीर सिंह छाबड़ा (Jasbir Singh Chhabra) व अन्य मौजूद थे। भाजपा संभागीय प्रभारी पंकज जोशी ने गुरुनानक पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं गुरु गोविंद जी के चार साहिबजादों और माता गुजरी जी को नमन करता हूं। पूरे साहस के साथ वे क्रूर मुगल शासन के खिलाफ खड़े हुए और धर्म परिवर्तन को इनकार करते हुए शहादत को चुना। उनकी ये अतुलनीय वीरता आने वाली पीढिय़ों को प्रेरित करती रहेगी।

उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने का प्रतीक है। पिछले वर्ष देश ने पहली बार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाया था। तब पूरे देश में सभी ने भाव विभोर होकर साहिबजादों की वीर गाथाओं को सुना था। वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने के संकल्प का प्रतीक है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती। श्री जोशी ने कहा कि हमें इस मिट्टी की आन-बान-शान के लिए जीना है, हमें देश को बेहतर बनाने के लिए जीना है।

हमें इस महान राष्ट्र की संतान के रूप में, देश को विकसित बनाने के लिए जीना है, जुटना है, जूझना है और विजयी होकर निकलना है। आगे कहा कि मुझे खुशी है कि आज का भारत ‘गुलामी की मानसिकता’ से बाहर निकल रहा है। आज के भारत को अपने लोगों पर, अपने सामथ्र्य पर, अपनी प्रेरणाओं पर पूरा पूरा भरोसा है। आज के भारत के लिए साहिबजादों का बलिदान राष्ट्रीय प्रेरणा का विषय है।

बलिदान की कहानी सुनाई

स्कूल के बच्चों ने साहबजादों के बलिदान पर कहानी, कविता सुनाई। राजेश्वरी दुबे ने भाषण, दिव्या वेषवार ने पंजाबी भाषा में भाषण, आरोही शुक्ला, जसगुन कौर भाटिया, वंशिका प्रजापति, चरणप्रीत कौर चावला ने कविता पाठ किया। चंद्रप्रीत कौर चावला, हरसिमरन कौर, मनवीत कौर, जुनैजा, प्रवीण सिंह ग्रंथी ने अपनी प्रस्तुति दी। उपस्थित अतिथियों ने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना की। जब बच्चे साहबजादों की शौर्यगाथा सुना रहे थे, उपस्थित जनों की आंखें भर आई।

रैली निकालकर पहुंचे गुरुद्वारा

स्कूल के बच्चे, सभी सिख समाज के नागरिक रैली निकालकर गुरुद्वारा पहुंचे। इस अवसर पर जयस्तंभ पर साहबजादों की शौर्यगाथा सभी बताने के लिए पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई। इसे शहर के नागरिकों ने भी आकर देखा।

सिख समाज ने जताई खुशी

वीर बाल दिवस पर कार्यक्रम में इटारसी के सिख हरप्रीत छाबड़ा, बिट्टू बोहरा ने खुशी जताते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वीर बाल दिवस मनाने के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं। उन्होंने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। बीते साल मोदी ने किया था ऐलान बता दें कि साल 1705 में गुरु गोविंद सिंह के दो बेटों साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह ने महज नौ साल और छह साल की उम्र में सिख धर्म के सम्मान में सर्वोच्च बलिदान दिया था। बीते साल 9 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर पीएम मोदी ने 26 दिसंबर को साहिबजादों की शहादत के सम्मान में वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का एलान किया था।

कार्यक्रम में यह रहे मौजूद

वीर बाल दिवस के कायक्रम में भाजपा पुरानी इटारसी मंडल अध्यक्ष मयंक मेहतो, भाजपा मंडल महामंत्री एवं कार्यक्रम प्रभारी राहुल चौरे, उपाध्यक्ष शैलेंद्र दुबे, देवेंद्र पटेल, अनिल गैलानी, संजीव हूरा, वरिष्ठ कार्यकर्ता अभिषेक तिवारी, पिछड़ा वर्ग मोर्चा सह मीडिया प्रभारी आशीष मालवीय, नगर मीडिया प्रभारी गौरव बड़कुर, सौरभ मेहरा, भाजयुमो जिला मंत्री गोपाल शर्मा, नगर महामंत्री शुभम सिंह राठौड़, सिख समाज से ज्ञानी अजित सिंह का जत्था, गुरु सिंघ सभा के अध्यक्ष जसबीर सिंह छाबड़ा, सचिव राजेंद्र दुआ, राजेंद्र टीटू सलूजा, हरप्रीत छाबड़ा, जगजीत सिंह, सरप्रीत सिंह छाबड़ा, गुरुवीर सिंह जुनैजा, बरिंदर सिंह लांबा, परमजीत सिंह लाली, मलकीत सिंह भाटिया, हरभजन सिंह सलूजा, गुरिंदर सिंह, बिटटू बोहरा, अमतकीत भाटिया, राजा जुनैजा, हरमीत सिंह गुरुदत्ता, रिंकू टूटेजा, परमीत सिंह भाटिया, अमनदीप भाटिया, डॉ ताबिश अरोरा, सर्वजीत सिंह मनकु, हरविंदर सिंह हैप्पी भाटिया शामिल हुए। मंच का संचालन संगीता द्विवेदी ने किया।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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