शाहपुर, बैतूल। पतौवापुरा शाहपुर (Patauvapura Shahpur) के शहीद स्मारक क्रांतिकारी जननायक सरदार गंजन सिंह चौपाल (Sardar Ganjan Singh Chaupal) में बिरसा मुंडा (Birsa Munda) बलिदान दिवस (Martyrdom Day), महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) जयंती व विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। कार्यक्रम में श्रमिक आदिवासी संगठन बैतूल (Betul) हरदा, किसान आदिवासी संगठन केसला तथा किसान मजदूर परिषद मध्यप्रदेश के कार्यकर्ताओं व सर्व आदिवासी समाज संगठन शाहपुर, सार्वजनिक विकास मंच नगर परिषद शाहपुर के सदस्य मौजूद रहे। स्वतंत्रता सेनानी 1930 के आंदोलनकारी जननायक क्रांतिकारियों के याद में बिरसा मुंडा बलिदान दिवस एवं महाराणा प्रताप की जयंती में 40 गांव से ग्रामीणों की एक बैठक खेड़ापति मंदिर के देहलान में आयोजित हुई।
किसान आदिवासी संगठन केसला के कपिल ने बिरसा मुण्डा के बलिदान की गाथा एवं 1930 के बैतूल जिला के जननायक क्रांतिकारी में सरदार गंजनसिंह, सरदार विष्णुसिंह (Sardar Vishnu Singh), सरदार मोहकमसिंह (Sardar Mohkam Singh), शहीद रमको बाई (Shaheed Ramko Bai) के जीवन एवं कामों पर प्रकाश डाला। श्रमिक आदिवासी संगठन के राजेंद्र गढ़वाल (Rajendra Garhwal) ने गांव-गांव में संगठन को मजबूत करना एवं विश्व की भलाई के लिए पौधरोपण को उद्देश्य बनाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखना संगठन को मजबूत रखना एवं लोगों के जल, जंगल और जमीन के अधिकार के लिए संघर्ष करने की प्रेरणादाई बातें बताये।
बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने संकल्प लिया कि हर व्यक्ति पांच पांच फलदार पौधे एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखने वाले पौधों को लगाएगा और 3 साल तक उनकी बच्चों की तरह देखरेख करेगा। इस मौके पर बैतूल जिला के प्रसिद्ध श्री बालाजी भजन मंडल पचामा (पाढर) द्वारा शहीद क्रांतिकारियों, पर्यावरण एवं प्राकृतिक पूजा तथा शहीदों पर देश भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्व में लगाए पौधों पर तिलक एवं हल्दी कुमकुम लगाकर पौधों पर पीला वस्त्र (नाडा) बांधकर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दिया।