इटारसी। जनवरी 2017 में हुए बहुचर्चित सुमति ताई कुलकर्णी (Sumati Tai Kulkarni) हत्याकांड के आरोपियों को तृतीय जिला सत्र न्यायाधीश श्रीमती सुशीला वर्मा (Third District Sessions Judge Smt. Sushila Verma) की कोर्ट (Court) ने आजीवन कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। मामले में पैरवी एजीपी भूरेसिंह भदौरिया (Bhure Singh Bhadauria) ने की। श्री भदौरिया ने बताया कि मामले में एक ज्वेलर्स संचालक को भी चोरी का सामान खरीदने के मामले में पुलिस ने आरोपी बनाया था, लेकिन साक्ष्य के अभाव में वैभव को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है। सन् 2017 में हुए इस हत्याकांड के आरोपियों को पकडऩे में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। मामले में विवेचना सहायक उपनिरीक्षक संजय रघुवंशी (Assistant Sub Inspector Sanjay Raghuvanshi) ने की थी।
यह अंधाकत्ल था और इसमें आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए नागरिकों ने आंदोलन भी किया था। इसमें आरोपियों की गिरफ्तारी पर महिलाओं के एक संगठन ने 21 हजार रुपए का पुरस्कार भी घोषित किया था। आखिरकार पांच माह बाद आरोपी पुलिस के हाथ लगे थे। मामले में कोर्ट ने आज फैसला सुनाया और तीन आरोपियों दिनेश उर्फ दिन्ना राजपूत, प्रदीप भाट, मोहित भाट को आजीवन कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है।
बता दें कि इटारसी के लक्कडग़ंज इलाके में रहने वाली बुजुर्ग महिला सुमति कुलकर्णी की जनवरी 2017 में अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। पुलिस जांच में सामने आया था कि बिजली के खंबे से घर की लाइट काटने के बाद आरोपी चोरी की नीयत से घुसे थे। लेकिन मृतका द्वारा उन्हें पहचान लेने के चलते पकड़े जाने के डर से तीनों ने उनकी हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सीएम तक को ज्ञापन सौंपा गया था। महिलाओं के संगठन ने आरोपियों पर 21 हजार रुपए का इनाम भी रख दिया था।
हत्या के पांच माह बाद इटारसी पुलिस को मुखबिर की सूचना पर तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली थी। इसके साथ ही नयनतारा ज्वेलर्स के संचालक वैभव खंडेलवाल को पुलिस ने चोरी का माल खरीदने के लिए आरोपी बनाया था, लेकिन साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया है।