सीखते रहना जीवन है, शिक्षक कोई भी हो सकता है, कोरोना भी शिक्षक है- डाॅ. शर्मा

Post by: Poonam Soni

इटारसी। विपिन जोशी स्मारक समिति Vipin Joshi smarak samiti का 36 वॉ राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान समारोह National Teacher Honor Ceremony समिति परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में मनाया गया।

मुख्य अतिथि विजय दुबे काकू भाई Vijay Dubey Kaku Bhai, विशेष अतिथि डाॅ राजेश शर्मा Rajesh Sharma, समिति अध्यक्ष रमेश के साहू Committee President Ramesh K Sahu, संस्थापक सदस्य प्रमोद पगारे, संतोष सरवरिया ने आचार्य श्री सम्मान से राज्यपाल पुरस्कार Governor’s Award प्राप्त कला मीना को सम्मानित किया। सरस्वती पुत्र सम्मान वैज्ञानिक डाॅ मनोज को देने की घोषणा की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डाॅ राजेश शर्मा ने कहा कि सीखते रहना जीवन है। शिक्षक कोई भी हो सकता है। कोरोना भी शिक्षक है। इसने संयम, सीमित संसाधन, परिवार और स्वयं के साथ जीना सिखाया है। अब हमें इसके साथ रहने और इससे सीखते रहने की आदत डालनी चाहिए। कार्यक्रम में समिति सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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सरस्वती पुत्र सम्मान
इस वर्ष सरस्वती पुत्र सम्मान डॉ. मनोज के पटेरिया Dr. Manoj Pateria को प्रदान किया गया। वे भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार scientific adviser हैं तथा विज्ञान संचार  Science communication में पीएचडी प्राप्त करने वाले भारत के पहले व्यक्ति हैं। उन्होंने एमएससी जूलॉजी एनवायरमेंटल बायोलॉजी में एमबीए मानव संसाधन विकास में हावर्ड विश्वविद्यालय यूएसए से विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार योजना में अध्ययन किया। मास कम्युनिकेशन एवं जर्नलिस्ट में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा धारी है। वर्तमान में आप विजिटिंग प्रोफेसर साइंस कम्युनिकेशन नेशनल यूनिवर्सिटी साउथ कोरिया प्रमुख एनसीएसटीसी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वे इंटरनेशनल इंटर अकैडमी ग्रुप ऑफ साइंस कम्युनिकेशन के उपाध्यक्ष भी चुने गए हैं आपकी ये उपलब्धि वैश्विक स्तर पर भारत की विज्ञान संचार में लीडरशिप को दर्शाती है।

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