इटारसी। भीषण गर्मी में आदमी की सबसे बड़ी जरूरत पानी है और शहर में सबसे अधिक पेयजल संकट वर्षों से कहीं होता रहा है तो वह है, पुराना शहर। कल से यह संकट भी समाप्त हो जाएगा और शहर की पुरानी आबादी को पर्याप्त पेयजल मिलने लगेगा। यह सब संभव हो सका है, विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा (MLA Dr. Sitasaran Sharma) की पहल पर। नगर पालिका (Nagar palika Itarsi) ने इस वर्षों पुरानी समस्या का समाधान ढूंढ़ निकाला है। कल स्वयं विधायक डॉ. शर्मा इस नेक कार्य का श्रीगणेश करेंगे।
पुराने शहर के सूखा सरोवर में जल आवर्धन योजना (water augmentation scheme) के अंतर्गत बनी टंकी आज से भरने का काम प्रारंभ हो गया है। इसके लिए तकनीकि खोजने में नगर पालिका के इंजीनियर्स का योगदान रहा। मेहराघाट से आने वाले पानी को वर्षों पुरानी पेयजल पाइप लाइन के माध्यम से सीधे टंकी पर नहीं चढ़ाया जा सकता था। इसके लिए तरीका निकाला कि पहले समवेल भरा जाए और फिर समवेल से टंकी लोड की जाए। यह तरीका कारगर रहा और वर्षों पुरानी इस समस्या का हल निकल आया।
कल होगा श्रीगणेश
दो लाख लीटर क्षमता के समवेल का श्रीगणेश कल गुरुवार 5 मई को सुबह 11 बजे विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा करेंगे। मप्र तैराकी संघ के अध्यक्ष पीयूष शर्मा, एसडीएम और नपा प्रशासक मदन सिंह रघुवंशी और मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्रीमती हेमेश्वरी पटले (MLA Dr. Sitasaran Sharma will, President of MP Swimming Association Piyush Sharma, SDM and NP Administrator Madan Singh Raghuvanshi and Chief Municipal Officer Smt. Hemeshwari Patle) सहित पुराने शहर के गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, क्षेत्र के नेता विधायक डॉ. शर्मा के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के साक्षी बनेंगे।
साढ़े 8 लाख लीटर की टंकी
बता दें कि सूखा सरोवर में जल आवर्धन योजना के अंतर्गत साढ़े 8 लाख लीटर की पेयजल टंकी बनकर वर्षों से तैयार है। तत्कालीन नगर पालिका परिषद अध्यक्ष रवि जैसवाल के कार्यकाल में इसका निर्माण किया गया था, लेकिन रेलवे लाइन के नीचे से पाइप लाइन निकालने की तकनीकि समस्याओं के चलते इसे भरा नहीं जा सका था। इसके अलावा कुछ पाइप लाइन संबंधी समस्याएं भी थीं।
रेलवे लाइन के नीचे का पेंच
दरअसल, मेहराघाट से आने वाली जल आवर्धन योजना की पाइप लाइन को रेल लाइन के नीचे से निकालने के पेंच के चलते टंकी लोड नहीं हो पा रही थी। नगर पालिका के इंजीनियर्स ने वर्ष 1974 में डाली गई पाइप लाइन से सप्लाई का विचार किया, लेकिन उस वक्त जलावर्धन की पाइप लाइन के प्रेशर से पुरानी पाइप लाइन फटने की आशंका से इस पर काम आगे नहीं बढ़ाया जा सका था।
पहले समवेल, फिर टंकी भरेंगे
अब इसका हल यह निकाला गया कि टंकी भरने में ज्यादा प्रेशर देना होता जिससे पुरानी पाइप लाइन टूटने की आशंका रहती। तो टंकी के नीचे ही समवेल बनाकर पहले उसे भरा जाएगा और फिर इससे टंकी लोड की जाएगी और फिर टंकी से पुराने शहर के पेयजल संकट वाले वार्डों में पानी की सप्लाई की जाएगी। फिलहाल उन्हीं पाइप लाइन में सप्लाई होगी जो ट्यूबवेल से सप्लाई के लिए बिछी है।
अभी यहां होगी सप्लाई
पुराने शहर में वार्ड 1,7 और 4 ऐसे हैं जहां ट्यूबवेल से सप्लाई होती है और गर्मियों में ये सूखते हैं तो पेयजल का संकट हो जाता है। टेंकरों से पानी देना होता है। यहां ट्यूबवेल सूखने पर भी संकट नहीं होगा। शहर के वार्ड 2,5, 1 और 7 में जो सनखेड़ा नाका वाला एरिया है, जो दूर पड़ता है उसे अभी जोडऩा बाकी है। सब इंजीनियर आदित्य पांडेय कहते हैं, काम चल रहा है, जल्द ये भी जुड़ जाएंगे।