इटारसी। जल संसाधन विभाग (Water Resources Department,) ने नहर के जरिये ग्रीष्मकालीन फसल मूंग के लिए आज सुबह 11 बजे तवा बांध (Tawa Dam) का पानी रिलीज किया है। कार्यपालन यंत्री तवा परियोजना संभाग इटारसी ने नहर से पानी छोडऩे की शुरुआत पूजा-अर्चना करके की। अधीक्षक यंत्री नर्मदापुरम (Narmadapuram) के आदेश अनुसार कार्यपालन यंत्री व्हीके जैन (VK Jain) ने ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल हेतु तवा बायीं तट मुख्य नहर में सुबह 11 बजे, 1035 क्यूसेक्स पानी छोड़ा। इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी तवा शीर्ष कार्य उपसंभाग तवानगर (Tavanagar), हरदा (Harda) और सिवनी मालवा (Seoni Malwa) के किसान संघ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इसी प्रकार तवा दायीं तट मुख्य नहर में सोहागपुर एवं पिपरिया अंतर्गत समस्त नहरों में 5 अप्रैल को तवा बांध से पानी छोड़ा जाएगा। संभागीय जल उपयोगिता समिति की बैठक में लिए निर्णय अनुसार आज पानी छोड़ा गया है। ईई वीके जैन ने बताया हरदा जिले 2050 क्यूसेक और सिवनी मालवा के मकड़ाई, रायगढ़ नहर में 600 क्यूसेक पानी मिलेगा। सुबह 11 बजे 1034 क्यूसेक पानी छोड़ा है। रात तक इसे बढ़ाकर 2650 क्यूसेक कर दिया जाएगा।
नहर में पानी छोडऩे के लिए होता था उत्सव
गर्मी की मूंग फसल की बोवनी के लिए नहर में पानी छोडऩे का बड़े स्तर पर उत्सव मनाया जाता था। पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल अपने गृहक्षेत्र हरदा जिले के सैकड़ों किसानों को यहां लाते थे। कृषि मंत्री, जलसंसाधन मंत्री व क्षेत्र के जनप्रतिनिधि शामिल होते थे। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव की आचार संहिता इस बार आयोजन नहीं हो पाया है।
तवा से पानी छोडऩे को लेकर नर्मदापुरम के कई किसान नाराज हैं, जिनकी गेहूं की फसलें अभी खेत में हैं। तवा से पानी छोडऩे के बाद ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल की तैयारी के लिए कतिपय किसान नरवाई में आग लगाना शुरु कर देते हैं। किसानों का मानना है कि इससे खेतों में आगजनी की घटनाएं बढ़ेंगी, जबकि विभाग को 1 अप्रैल के बाद नहरों में पानी छोडऩा चाहिए था।
कुछ किसान संगठनों ने तो 5 अप्रैल के बाद पानी छोडऩे का सुझाव प्रशासन को दिया था। जिला जल उपभोक्ता समिति की बैठक में तो 30 अप्रैल को पानी छोडऩे का प्रस्ताव आया था, लेकिन संभाग स्तरीय बैठक में इसे 26 मार्च कर दिया और उसी के अनुरूप आज से पानी छोड़ दिया गया है।