इटारसी। कई घंटे बिजली नहीं मिलने, बढ़े हुए बिल आने, बिजली अधिकारियों द्वारा टेलीफोन (Telephone) नहीं उठाने, मेंटेनेंस के नाम पर घंटों बिजली नहीं देने जैसी समस्याओं से परेशान हो रहे नागरिकों के लिए कांग्रेस (Congress) आज आगे आयी और बिजली कंपनी (Electricity Company) के दफ्तर के सामने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने बिजली अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन है, यदि व्यवस्था में सुधार नहीं किया तो हम चक्काजाम करेंगे चाहे इसके लिए हमें जेल (Jail) भी क्यों न जाना पड़े। हालांकि बिजली अधिकारियों के अपने अलग ही तर्क हंै, उन्होंने कांग्रेस की हर बात का अपनी दलीलें पेश कर जवाब दिया और कांग्रेस के किसी आरोप को सही नहीं माना।
आज सुबह बिजली दफ्तर पीपल मोहल्ला (Peepal Mohalla) के सामने कांग्रेसियों का सुबह 11 बजे से जमावड़ा शुरु हो गया था। दो से तीन दर्जन कांग्रेस इस दौरान एकत्र हुए और बिजली कंपनी तथा सरकार के खिलाफ बिजली नहीं देने पर जमकर नारेबाजी की। कांग्रेसी अपने साथ कुंभकर्ण (Kumbhakarna) का पुतला लेकर आये थे और उसे जगाने के लिए उसके आसपास मोमबत्ती जलायी, ढोल बजाया और बिजली कंपनी और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बिजली अधिकारियों को मोमबत्ती भी भेंट की।
आंदोलन में नगर कांग्रेस अध्यक्ष मयूर जायसवाल, युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष गोल्डी बैस, युवा कांग्रेस नगर अध्यक्ष सौम्य दुबे, जिला महासचिव गौरव चौधरी, एनएसयूआई प्रदेश सचिव प्रतीक मालवीय, जिला अध्यक्ष मयंक चौरे, सर्वप्रीत भाटिया, हिमांशु बाबू अग्रवाल, विक्रमादित्य तिवारी, प्रणीत मिश्रा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश साहू, संजय गोठी, लखन बैस, अजय मिश्रा, मधुसूदन यादव, पवन बोहरा, नारायण ठाकुर, नरेश चौहान, नीलेश मालोनिया, एनएस चौहान, संजय नगरिया, संजय धर, देवी मालवीय, राहुल दुबे, पार्षद दिलीप गोस्वामी, सीमा भदौरिया, अमित कापरे, संजय ठाकुर, पप्पी कलोसिया, मोनी चंद्रवंशी, अभिषेक साहू, अभिषेक ओझा, उत्सव दुबे, सजल जायसवाल, सोनू बकोरिया, दीपक नाथ, विशाल बड़कुर, रोहित राजपूत, नितेश सोलंकी, युवराज चौधरी, अनिमेष यादव आदि उपस्थित थे।
ये लगाये आरोप
बिजली कंपनी से उच्च स्तर पर घटिया उपकरण खरीदी, बिजली कई घंटे गुल होने पर भी अधिकारियों द्वारा फोन नहीं उठाने, कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराने, बिजली कार्यालय आने वाले उपभोक्ता की शिकायत नहीं सुनकर टेलीफोन नंबर पर शिकायत दर्ज कराने का कहकर भगा देने, बढ़े हुए बिजली के बिल देने, मेंटेनेंस के बावजूद बार-बार कटौती करने जैसे आरोप कंपनी के अधिकारियों पर लगाये और इनमें सुधार की मांग के साथ चेतावनी भी दी।
कुंभकर्ण का पुतला जलाया
कांग्रेस कार्यकर्ता अपने साथ कुंभकर्ण का पुतला बनाकर लाये थे। बिजली कार्यालय के सामने पुतले को लिटाकर उसके आसपास मोमबत्ती जलायी गई और ढोल बजाकर उसे जगाने का प्रयास किया। कांग्रेस का यह प्रतीकात्मक विरोध बिजली कंपनी को कुंभकर्ण बताने के लिए रहा। बाद में कांग्रेस ने कार्यालय के गेट पर ही पुतला दहन कर के नारेबाजी की, मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) के खिलाफ भी नारेबाजी की। यह सब बिजली अधिकारियों और पुलिस के सामने चलता रहा।
इनका कहना है…
पिछले वर्ष भी हमने आंदोलन किया था। कुछ दिनों के लिए सुधार हुआ था। अभी मेंटेनेंस के बावजूद कटौती हो रही है। अधिक देर बिजली नहीं रहती तो अधिकारी जवाब नहीं देते, बल्कि कई बार तो फोन भी नहीं उठाते। यदि सुधार नहीं हुआ तो हम चक्काजाम करेंगे चाहे इसके लिए हमें जेल ही क्यों न जाना पड़े।
मयूर जायसवाल, अध्यक्ष नगर कांग्रेस कमेटी
कटौती नहीं की जा रही है, दरअसल मानसून पूर्व रख रखाव के लिए बिजली बंद की गई थी, ताकि बारिश के दौरान अधिक परेशानी नहीं आये। सबके नंबर सार्वजनिक हैं, मैं स्वयं मॉनिटरिंग करता हूं और समस्या का निदान करते हैं। उपकरण खराब नहीं हैं, गर्मी बहुत ज्यादा पड़ी है, खपत बढ़ी है तो बिल भी बढऩा स्वभाविक है।
अंकुर मिश्रा, डीजीएम बिजली कंपनी