लोक निर्माण से लोक कल्याण की भावना रखते हुए करें कार्य : सिंह

Post by: Rohit Nage

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Work on public works should be done with the spirit of public welfare: Singh
  • मोक्षगुण्डम सर विश्वेश्वरैया की अर्ध-प्रतिमा का हुआ अनावरण
  • चलित टेस्टिंग एवं सैंपल कलेक्शन वाहन को हरी झंडी दिखाई
  • अभियंता दिवस पर निर्माण भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया

भोपाल। लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) मंत्री राकेश सिंह (Rakesh Singh,) के मुख्य आतिथ्य में आज अभियंता दिवस के अवसर पर भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Bharat Ratna Sir Mokshagundam Visvesvaraya) की अर्ध-प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम निर्माण भवन में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में मंत्री श्री सिंह ने सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनके आदर्श और तकनीकी कौशल आज भी प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने सभी अभियंताओं को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए बधाई दी और कहा, ‘अभियंता देश की रीढ़ होते हैं। उनकी तकनीकी दक्षता और मेहनत से ही देश का बुनियादी ढांचा सशक्त बनता है। मंत्री श्री सिंह ने सभी अभियंताओं से ‘लोक निर्माण से लोक कल्याण’ की भावना के साथ काम करने का आह्वान किया।

लोक निर्माण से लोक कल्याण आपके प्रयासों के पीछे छिपे अंतिम उद्देश्य को प्रदर्शित करने वाला ध्येय वाक्य है। यदि लोक कल्याण के सबसे प्रमुख कार्य कोई करता है, तो वह आप जैसे अंभियता और लोक निर्माण विभाग है, जिनके द्वारा बनाई गई सडक़ें, भवन, पुल आदि आम व्यक्ति इस जीवन को सुविधाजन बनाते हैं। श्री सिंह ने कहा की सडक़ निर्माण के दौरान लोक कल्याण सरोवर बनाने, सडक़ किनारे रिचार्ज बोर बनाने, पेड़ों को काटने के बजाए शिफ्ट करने जैसे निर्णय लोक निर्माण से लोक कल्याण को चरितार्थ करते हैं।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि हमने सडक़ों को गड्डा मुक्त करने लोकपथ एप (Lokpath App) को कार्यरत किया, यह हमारे लिये बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा था, जिसे हमने सफलता पूर्वक लागू किया एवं लोकपथ एप के माध्यम से आमजन गड्डे संबंधी शिकायत एप पर अपलोड कर रहे है जिन्हें विभाग द्वारा समय-सीमा में निराकृत किया जा रहा है। लोक-पथ ऐप ने न केवल सडक़ों की मरम्मत के कार्य को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया है, बल्कि जनता को भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनने का अवसर दिया है।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि हम प्रदेश में सडक़ गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, इस ओर कई निणर्य लिये हैं। हम डामर की क्वालिटी पर अधिक जोर दे रहे हैं जिसके अंतर्गत सभी ठेकेदारों को आईओसीएल, बीपीसीएल एवं एचपीसीएल से ही डामर खरीदने की अनुमति दी जाएगी। इसी के साथ ठेकेदारों को डामर खरीदी के बिल भी देने होंगे। विभाग इन बिलों के संबंध में आईओसीएल, बीपीसीएल एवं एचपीसीएल से क्रॉस वैरीफाई कराएगा।

मंत्री श्री सिंह ने कार्यक्रम से लोक निर्माण पुरस्कार प्रारंभ करने की घोषणा की। उन्होंने विभाग को इसके लिए प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने अपनी कार्यशैली में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो राज्य के विकास में नए आयाम जोड़ रहे हैं। विशिष्ट अतिथि प्रशांत पॉल ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत में अभियांत्रिकी कौशल का एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है, जो हजारों वर्षों से यहां की सभ्यता का अभिन्न हिस्सा रहा है। प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक, भारतीय अभियंताओं ने अपने तकनीकी ज्ञान और कौशल का उपयोग अद्वितीय संरचनाओं, वास्तुकला और जल प्रबंधन प्रणाली जैसी असाधारण उपलब्धियों को साकार करने में किया है। चाहे वह सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना हो या आज के आधुनिक भारत की उन्नत तकनीक, भारत हमेशा से अभियांत्रिकी नवाचारों का केंद्र रहा है। यह परंपरा आज भी जीवंत है और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव लोनिवि केसी गुप्ता, प्रबंध संचालक भवन विकास निगम चन्द्रमोहन ठाकुर, प्रमुख अभियंता लोनिवि आरके मेहरा, प्रमुख अभियंता (भवन) लोनिवि शालिग्राम बघेल ने भी उद्बोधन दिया। मंत्री श्री सिंह ने विभाग की क्वालिटी कंट्रोल लैब को प्राप्त आईएसओ प्रमाण पत्र प्रदान किया। इसी के साथ उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी एवं ठेकेदारों को प्रशस्ति पत्र भी वितरित किये।

चलित टेस्टिंग एवं सैंपल कलेक्शन वाहन को हरी झंडी दिखाई

मंत्री श्री सिंह ने चलित टेस्टिंग एवं सैंपल कलेक्शन वाहन को हरी झण्डी दिखा रवाना किया। विभागीय लेब का निरीक्षण कर आधुनिक सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। बीपी बौरासी द्वारा लिखित निर्माण कार्यो में गुणवत्ता संबंधित दिशा निर्देशो पर रचित नवीन पुस्तक भाग दो का विमोचन भी किया गया। इस दौरान प्रमुख अभियंता आरईएस श्री जाटव, प्रमुख अभियंता डब्ल्यूआरडी शिरीष मिश्रा, प्रमुख अभियंता आरडीसी अखिलेश अग्रवाल, प्रमुख अभियंता बीडीसी अनिल श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता लोनिवि श्री मस्के भी उपस्थित रहे।

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