दहेज लोभी पति को सात वर्ष की सज़ा
दहेज लोभी पति को कोर्ट ने सात वर्ष की सज़ा

दहेज लोभी पति को सात वर्ष की सज़ा

इटारसी। दहेज प्रताडऩा के एक मामले में महिला के पति को कोर्ट ने सात वर्ष की सज़ा, एक हजार रुपए जुर्माना लगाया और एक अन्य धारा में एक वर्ष का कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माना लगाया है। मामला 2017 का है जब केसला स्थित ससुराल में नवविवाहिता ने देहज प्रताडऩा से तंग आकर घासलेट डालकर आग लगा ली थी। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी थी।
एजीपी भूरेसिंह भदौरिया ने बताया है कि द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश कु सविता जडिय़ा की अदालत ने आरोपी नितिन मालवीय को धारा 304 बी में 7 वर्ष का कारावास 1000 जुर्माना और 3/4 दहेज अधिनियम में 1 वर्ष का कारवास 5000 जुर्माना की सजा सुनाई है। आरोपी को जिला जेल होशंगाबाद भेजा गया है।

ऐसा था मामला

एजीपी भूरेसिंह भदौरिया ने बताया कि 19 सितंबर 2017 को थाना देहात होशंगाबाद में धनराज पिता चौकेलाल बोरासी, नर्मदा अस्पताल के ड्रायवर ने सूचना दी थी। उसकी रिपोर्ट पर मामला कायम कर थाना केसला भेजा गया। पूजा की शादी नितिन मालवीय से 25 अप्रैल 2017 को हुई थी और शादी के महत पांच माह में यह घटना हो गयी। बताया गया कि शादी के महज 15 दिन बाद से ससुराल में पूजा की सास छोटी-छोटी बातों पर ताना मारती थी और कहती थी कि तेरे बाप ने दहेज में कुछ नहीं दिया। डेढ़ माह बाद दहेज की बात पर उससे मारपीट भी हुई और पांच लाख रुपए की मांग की गई। पूजा ने अपने मायके निमसाडिय़ा में रक्षा बंधन पर पहुंचने पर यह सारी बात बतायी थी, तो मायके के लोगों ने ससुराल पक्ष को समझाने का आश्वासन भी दिया था। लेकिन, लगातार प्रताडऩा से तंग आकर पूजा ने 19 सितंबर को स्वयं पर घासलेट डालकर आग लगा ली।
अदाल में मामले की सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने और गवाहों के बयान के बाद कोर्ट ने आरोपी नितिन को भादवि की धारा 304-बी, 498 ए एवं 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में दोषी ठहराया और भादंवि 304 बी के अंतर्गत सात वर्ष का सश्रम कारावास और एक हजार रुपए जुर्माना तथा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 1 वर्ष का कारावास और पांच हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। मामले में नितिन की मां गायत्री और पिता सुरेश को इन आरोपों से दोषमुक्त किया। एजीपी भूरेसिंह भदौरिया ने बताा कि नितिन मालवीय 23 सितंबर 2017 से 23 मार्च 2018 तक 182 दिन अभिरक्षा में रहा है, अत: यह अवधि उसकी सजा में समायोजित की जाएगी।

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