इटारसी। सरकारी शालाओं के शिक्षक शिक्षिकाओं ने शिक्षक कल्याण संगठन को बतलाया की लोकसभा निर्वाचन कार्य के नाम पर जिले के अधिकारी बीएलओ के कार्यों को, बीएलओ से न कराके शिक्षक शिक्षिकाओं से करा रहे हैं जिससे वे अपने आप को ठगा एवं प्रताडि़त महसूस कर रहे हैं।
शिक्षक कल्याण संगठन के संयोजक राजकुमार दुबे ने बताया की निर्वाचन कार्यालय द्वारा जिले के प्रत्येक मतदान केंद्र पर केंद्र की व्यवस्था को देखने एवं व्यवस्थित रखने बूथ लेवल अधिकारी की नियुक्ति की है। अधिकारी इन बूथ लेवल अधिकारियों को मतदान केंद्रों पर उपस्थित रहने के निर्देश देने के बजाय शाला के शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रात: 7:,30 से दोपहर 1:30 शाला छूटने के उपरांत दोपहर 1:30 बजे से सायं काल 6:30 बजे तक 13 घंटे भीषण गर्मी में शाला में रुकने को मजबूर कर रहे हैं, जिससे उम्र दराज एवं अस्वस्थ शिक्षक शिक्षिका अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। अचानक अस्वस्थ महसूस होने पर वे शाला छोड़ते हैं तो उन्हें वेतन कटने का डर सताते रहता है। भ्रमण करने वाले अधिकारी कई शिक्षक शिक्षिकाओं का वेतन काटने के आदेश जारी कर चुके हैं जो कि इनके साथ अन्याय है। इसी तरह महिला शिक्षिका जो दोपहर 1:30 बजे से सांयकाल 6:30 बजे तक सुनसान इलाके की शालाओं में रुक रही हैं, उनकी सुरक्षा की कोई भी व्यवस्था जिला प्रशासन से न होने से शिक्षिकाओं को हर दम हादसे का भय बना रहता है ।
शिक्षक कल्याण संगठन निर्वाचन आयोग से मांग करता है कि मतदान केंद्रों पर दोपहर 1:30 बजे से सांय काल 6:30 बजे तक शिक्षक शिक्षिकाओं के बजाय बूथ लेबल ऑफीसर को रुकने के निर्देश जारी हों अन्यथा शिक्षक की 13 घंटे की लगातार सेवा के चलते गंभीर अस्वस्थ होने पर या महिला शिक्षिका के साथ हादसा होने पर जिला प्रशासन अपनी ज़वाबदेही से नहीं बच पायेगा।
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मतदान केंद्रों पर शिक्षकों को नहीं बीएलओ को रोकें : शिक्षक संघ
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