इटारसी। कृषि उपज मंडी के अधिकारी-कर्मचारियों ने आज मॉडल एक्ट 2020 (Modal Act 2020) के विरोध में सामूहिक अवकाश लेकर मंडी गेट पर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान हम्माल तुलावटी संघ और व्यापारी संघ का भी उन्हें समर्थन मिला। मंडी के गेट पर नारेबाजी के बाद सभी कलेक्टर कार्यालय होशंगाबाद (Hoshangabad) पहुंचे और एडिशन कलेक्टर (additional collector) को ज्ञापन सौंपा। उल्लेखनीय है कि मंडी में मॉडल एक्ट (Modal Act) के लिए प्रदेश, जिला और स्थानीय स्तर पर भी संयुक्त संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया है। मोर्चा ने 16 जुलाई को सामूहिक अवकाश की घोषणा की थी, उसके तहत आज का आंदोलन था।
मॉडल एक्ट (Modal Act) का कर रहे विरोध
मॉडल एक्ट कृषि अधिनियम का पूरे मध्यप्रदेश में कर्मचारियों द्वारा हो रहा विरोध हो रहा है। संयुक्त संघर्ष मोर्चा मंडी बोर्ड भोपाल के आह्वान पर कृषि उपज मंडी समिति के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने आज एक दिवसीय सामूहिक अवकाश रखा। इनकी मांग है कि मॉडल एक्ट को समाप्त किया जाए, यह किसी के हित में नहीं है, बल्कि नुकसानदेह है। मॉडल एक्ट में बहुत सारी त्रुटियां हैं। अधिनियम 1972 में किसानों को दलालों, आढ़तियों के शोषण से मुक्त रहने के लिए कड़े प्रावधान के साथ बना था, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि उपज का उचित मूल्य दिलाना था। मॉडल एक्ट में बड़े व्यापारी, निजी कंपनी को सुविधा दी गई है।
इनका कहना है…
मॉडल एक्ट के विरोध में आज हमारे संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने मंडी के गेट पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इसके बाद सभी लोग जिला मुख्यालय पहुंचे और वहां कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा।
उमेश कुमार बसेडिय़ा, सचिव एवं संरक्षक संयुक्त संघर्ष मोर्चा