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अधूरे छोडे गये कार्य को आगे बढाया जायेगा – मुख्यमंत्री श्री चौहान

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होशंगाबाद। पूर्व पर्यावरण राज्यमंत्री स्व. अनिल माधव दवे के अंतिम संस्कार के पश्चात नर्मदा-तवा संगम तट पर आयोजित शोक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्व. श्री दवे ने पर्यावरण संरक्षण के लिये जो कार्य किया वह अविस्मरणीय रहेगा। मां नर्मदा के प्रति उनकी असीम और अगाध श्रद्धा थी। उनके द्वारा शुरू किया नदी महोत्सव पूर्व की भांति नर्मदा-तवा संगम पर उनकी भावना के अनुरूप आयोजित होता रहेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा उनकी अंतरात्मा से जुड़ी थी। श्री दवे की इच्छा के अनुरूप ही उनका अंतिम संस्कार बान्द्राभान में किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व. श्री दवे द्वारा अधूरे छोड़े गये मिशन को हम आगे बढ़ायेंगे। नर्मदा नदी के दोनों तटों पर अमरकंटक से बड़वानी तक 2 जुलाई को लाखों लोग करोंड़ों की संख्या में वृक्ष लगायेंगे तथा उनकी रक्षा करने की दायित्व लेंगे। नर्मदा के दोनों तटों पर सघन वृक्षारोपण स्व. श्री दवे को सही अर्थों में सच्ची श्रद्धांजलि होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शोक संदेश का वाचन केन्द्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने किया। उन्होंने स्वर्गीय दवे को श्रंद्धाजलि अर्पित करते हुए उन्हें आदर्श पर्यावरणविद, कुशल प्रशासक व आदर्श स्वयंसेवक बताया।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने स्वर्गीय दवे की स्मृति में आयोजित शोकसभा में कहा कि जिस तरह हीरा आकार में छोटा और मूल्य में अधिक होता है उसी तरह स्वर्गीय अनिल माधव दवे का जीवनकाल छोटा सा ही था किन्तु उन्होंने सार्थक जीवन जिया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय दवे के जन्मदिन पर 6 जुलाई को देश व प्रदेश में अधिक से अधिक पौधे लगाये जाएं। उन्होंने कहा कि नदियों के संरक्षण व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सार्थक कार्य ही स्वर्गीय दवे को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने स्वर्गीय श्री दवे को श्रंद्धाजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनमें अद्भुत इच्छाशक्ति थी। चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में स्वर्गीय श्री दवे बेहतर रणनीतिकार थे तथा स्वयं को नर्मदा पुत्र मानते थे और वृक्षों को अपना वारिस बताते थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह कार्यवाहक सुरेश सोनी ने स्वर्गीय श्री दवे को भावांजलि देते हुए कहा कि उनका जीवन काल सफल तो रहा ही, साथ में सार्थक भी रहा। उन्होंने स्वर्गीय श्री दवे को प्रकृति प्रेमी और पर्यावरणविद बताया। आरएसएस के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने श्रंद्धाजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वर्गीय श्री दवे ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया, उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता थी वे अत्यंत सादगीपूर्ण तरीके से जीवनयापन करते थे। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री व मध्यप्रदेश के प्रभारी श्री रामलाल ने स्वर्गीय दवे को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्हें कोई भी कार्य सौंपकर पार्टी संगठन निश्चिंत हो जाता था क्योंकि वे हमेशा सौंपे कार्य को पूरी कुशलता के साथ मन लगाकर करते थे। इससे पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ संचालक मोहन भागवत के शोक संदेश का वाचन विनय सहस्त्रबुद्धे ने किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भावांजलि कार्यक्रम के बाद बांद्राभान स्थित दिवस बसेरा परिसर में स्वर्गीय श्री दवे की स्मृति में पौधा भी लगाया।

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