इटारसी। सरकारी व निजी स्कूलों में एक अप्रैल से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होगी। स्कूल शिक्षा विभाग वार्षिक परीक्षाओं के साथ ही एक अप्रैल से स्कूल लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त जयश्री कियावत ने इसकी तैयारी के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी संकुल प्राचार्यों के साथ बैठक कर शैक्षणिक व अकादमिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेंगे। हालांकि, अभी स्कूलों में वार्षिक और बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं, फिर भी विभाग के पूरे अधिकारी व कर्मचारी इसमें लगे हुए हैं। जिला शिक्षा विभाग ने सभी बीईओ व प्राचार्यों को भी एक अप्रैल से स्कूलों के नियमित संचालन के लिए पत्र भेज दिया है। साथ ही स्कूलों में भवन, टेबल-कुर्सियां, बिजली व शौचालय की उचित व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। इस दौरान स्कूलों में पोताई कार्य भी करवा ली जाएं। एक अप्रैल से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत को लेकर शिक्षक व प्राचार्य विरोध जता रहे हैं। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि अन्य कक्षाओं की वार्षिक व बोर्ड परीक्षाएं 2 अप्रैल तक चलेंगी। ऐसे में 1 अप्रैल से सत्र शुरू करने में परेशानी हो सकती है। पूरे मार्च में परीक्षाएं चलेंगी। इसके बाद स्कूल परीक्षाओं का मूल्यांकन व बच्चों की अंकसूची तैयार करनी पड़ेगी। ऐसे में शासन ने एक अप्रैल से नए सत्र की शुरुआत करने का आदेश दिया है। ऐसे में शिक्षकों को दोहरी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। वही प्राचार्यों का भी तर्क है कि अप्रैल से कक्षाएं लगाना शुरू तो कर देते हैं, लेकिन बच्चे नहीं आते हैं। खासकर ग्रामीण शालाओं में बच्चे अपने अभिभावकों के साथ गेंहूं कटाई में चले जाते हैं। इस बार तो लोकसभा चुनाव है। इसमें शिक्षकों की ड्यूटी लग सकती है। ऐसे में स्कूल खोलने से न तो बच्चे आएंगे, न ही चुनाव ड्यूटी में लगे शिक्षक।
मामले में डीईओ अनिल वैद्य ने बताया कि बोर्ड परीक्षा व अन्य कक्षा की वार्षिक परीक्षाएं 2 अप्रैल को समाप्त हो जाएंगी। इसके बाद मूल्यांकन और परीक्षा परिणाम बनाने के साथ-साथ शिक्षक स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने का काम भी करेंगे। सभी स्कूलों को निर्देश दे दिए गए हैं कि व्यवस्थाएं ठीक कर लें।