इटारसी। आदिवासी सेवा समिति तिलकसिंदूर के तत्वावधान में तीन दिवसीय भूमका/भगत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन तिलकसिंदूर में किया जिसमें 37 भूमकाओं को आदिवासी विधि से शादी-विवाह, उजाल पाक, गृहप्रवेश, मृत्यु संस्कार आदि रीति-रिवाज का प्रशिक्षण प्रदान किया।
यह प्रशिक्षण जिले का पहला भूमका प्रशिक्षण है जिसे अखिल गोंडवाना कोयापूनेम भूमका संघ के राष्ट्रीय भूमका तिरुमाल गुमान साह इनवाती, जिला सिवनी छपारा ने संपन्न कराया। इससे पहले यह प्रशिक्षण छोटे महादेव बैतूल, जबलपुर, मंडला एवं सिवनी क्षेत्र में स्थित प्राचीन आदिवासी ठाणा (बड़ा महादेव स्थल) पर हुए हैं। होशंगाबाद जिले में स्थित तिलक सिंदूर मंदिर प्राचीन आदिवासियों का देवस्थल माना जाता है जहां आदिवासी समुदाय केई पीढ़ी से अपनी आस्था, रीति-रिवाज के साथ स्वयं अपने भूमका के माध्यम से पूजा पाठ कराते रहा है। प्रशिक्षण में अनुशासन की व्यवस्था की कमान बैतूल छोटे महादेव के अध्यक्ष मदन चौहान ने संभाली। संपूर्ण प्रशिक्षण के सूत्रधार आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर के संरक्षक सुरेन्द्र धुर्वे रहे, जिनके मार्गदर्शन में तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षण से समाज में होने वाले पूजा-पाठ एवं कर्मकांड में एकरूपता आएगी।
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आदिवासी भूमकाओं को दिया प्रशिक्षण
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