इटारसी। 29 दिसंबर को सरकारी अस्पताल में मिला ओजस होशंगाबाद में आसरा तो पा गया, लेकिन कतिपय लापरवाही ने उसे दुनिया से विदा लेने पर मजबूर कर दिया। लापरवाही की आशंका इसलिए कि गुरुवार को जब दिल्ली की टीम ने आसरा शिशु गृह का निरीक्षण किया था तो जांच में सारे बच्चे स्वस्थ पाए थे, दूसरे ही दिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि बच्चा चल बसा। इटारसी में मिले बच्चे को होशंगाबाद के आसरा शिुशु गृह में आसरा तो मिल गया था, लेकिन कहीं न कहीं परवरिश में चूक हो गई। इस बच्चे को यहां तेजस नाम मिला था।
दो बहनों का भाई चला गया
तेजस आसरा शिशु गृह में रह रहीं दो अन्य नन्हीं बच्चियों का नया इकलौता छोटा भाई था। उसकी उम्र अभी करीब दो माह ही रहीं होगी। उससे कुछ बड़ी दो छोटी बच्चियां इस संस्था में हैं, शेष बच्चों की उम्र ज्यादा है। तेजस दो नन्हीं बहनों का इकलौता छोटा भाई था, आज तेजस ने सुबह-सुबह इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
ऐसे घटी घटना
मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह ईशान परिसर स्थित आसरा शिशु गृह में रह रहे तेजस को सुबह 6:30 बजे एक कर्मचारी ने पावडर पिलाया। सुबह 8:30 बजे दूसरी कर्मचारी आयी तो उसे बच्चा में गतिविधि होते नहीं दिखी। आनन-फानन में बच्चे को अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। आज सुबह उसे दफना दिया गया। आश्चर्य इस बात का है कि दिल्ली की टीम को यहां रह रहे लगभग सभी बच्चे स्वस्थ मिले थे।
ऐसा मिला पलंग पर बच्चा
अस्पताल की मेन बिल्डिंग में ऊपरी तल पर रात करीब 10:30 बजे किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनकर नर्स ने जाकर देखा तो एक पलंग पर चादर बिछाकर, स्वेटर पहले और शॉल ओढ़े एक बच्चा था, जो जोर-जोर से रो रहा था। नर्सों ने उस दौरान ड्यूटी पर मौजूद शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेकचरण दुबे को जानकारी दी। उन्होंने जाकर उसकी जांच की। कुछ देर इंतजार किया कि जिसका बच्चा होगा, वह आएगा। कोई नहीं आया तो उसे गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कर पुलिस को खबर की गई।